अभिनव राजस्थान में स्कूल की छुट्टियां इस मौसम में हुआ करेंगी.
जब प्रकृति नाच रही होगी, जब मौसम मस्त होगा.
साथ ही राजस्थान की ग्रामीण और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए भी यह व्यवस्था एकदम अनुकूल होगी. व्यवस्थाएं समाज, संस्कृति और प्रकृति के अनुकूल ही होनी चाहियें.
अभिनव राजस्थान में जुलाई, अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर क महीने स्कूलों में अध्ययन के अवकाश के महीने होंगे. क्यों ? तीन कारण हैं- एक मनोवैज्ञानिक,एक प्राकृतिक-सांस्कृतिक और एक आर्थिक.
1. शिक्षा मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि बच्चों का अध्ययन का अवकाश तब हो जब किसी स्थान का मौसम सुहावना हो और बच्चे आनंद से उस मौसम में मस्ती कर सकें, खेल सकें. इससे उनका शारीरिक विकास संतुलित होगा, आसान होगा. भारत में यह मौसम बारिश का होता है. लेकिन अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के हिसाब से, अपने बच्चों के हिसाब से यहाँ ग्रीष्म अवकाश कर दिया ताकि वे और उनके बच्चे योरोप में छुट्टियां मना सकें ! हम अभी भी उस अंग्रेजी व्यवस्था को लादे बैठे हैं और केवल मेकाले को शिक्षा व्यवस्था की कमियों का दोषी ठहराकर इतिश्री कर लेते हैं. आज आपको क्या मेकाले ने रोक रखा है- अपनी व्यवस्था को अपनी संस्कृति और प्रकृति के अनुकूल करने से ?
2. वहीं प्रकृति इस समय नाच रही होती है, आनंद में होती है. ऐसे समय में ही तो तीज-त्यौहार रखे गए हैं. प्रकृति के इस आनंद में मानव को और खासकर बच्चों को शामिल किया जाना चाहिए. बच्चे सभी उत्सवों में शामिल हों. अपनी संस्कृति बचे.
3. राजस्थान और भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी मानसून है और इस समय तीन चौथाई आबादी के पूरे परिवार अपने वर्षभर की कमाई के लिए खेतों और पशुपालन में जुटे होते हैं. इस समय घर का हर सदस्य महत्वपूर्ण होता है. दस वर्ष का बच्चा जो बकरियां संभाल लेता है, वह भी महत्वपूर्ण होता है. पांच साल का बच्चा जो छोटे भाई-बहन को खिला सकता है, महत्वपूर्ण होता है. बड़े बच्चे तो हर रोज परिवार को पांच सौ रूपये की मदद कर सकते हैं. ग्रामीण और खेतिहर परिवारों को इस मदद से होने वाले आर्थिक लाभ को अंग्रेज मानसिकता के अर्थशास्त्री और बुद्धिजीवी नहीं समझ सकते हैं. उनको आँगनवाडी के फिजूल फंडे आते हैं, जो भारतीय समाज में व्यवहारिक ही नहीं हैं. इन कारणों से अभिनव राजस्थान में ये छुट्टियां बारिश के मौसम में होंगी. वैसे भी इस मौसम में देवता भी विश्राम कर रहे होते हैं, उनकी अनुपस्थिति में कैसा अध्ययन ?
लेकिन कई अन्य काम हम इन छुट्टियों में कर लेंगे. अभिनव राजस्थान में इन चार महीनों में जो गतिविधियाँ होंगी, वे हैं.
1. जुलाई- सभी प्रकार की सरकारी भर्तियाँ.
2. अगस्त- सांस्कृतिक प्रतियोगिताएँ.
3. सितम्बर- खेलकूद प्रतियोगिताएँ.
4. अक्टूबर- विज्ञान मेले. शिक्षक गोष्ठियां और प्रशिक्षण. दीपावली के बाद नया सत्र प्रारंभ होगा. सर्दियों-गर्मियों की छुट्टियां न होकर समय बच्चों की सुविधानुसार परिवर्तित होगा.
अभिनव राजस्थान, एक नई व्यवस्था, एक मौलिक भारतीय व्यवस्था, जिसमें आर्थिक समृद्धि का प्रकृति और संस्कृति के साथ संगम होगा. जिसमें बन्दे मातरम् होगा.
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vyvastha sthan samya or paristhati ke anuroop ho