(और कुछ सूझता ही नहीं- अभिनव राजस्थान के सिवा )
‘अभिनव राजस्थान’ की ‘अभिनव कृषि’
एक बीस बीघा खेत कैसा होगा ?
हमारी अभिनव योजना. एक गाँव में दो से पांच करोड़ रूपये का अनुमानित निवेश से.
१. योजना उसी गाँव में लागू होगी, जिसके 90 प्रतिशत किसान इसके लिए तैयार होंगे और वे सब गाँव के मंदिर के आगे खड़े होकर कसम खायेंगे कि सरकार के इस पैसे का उपयोग वैसे ही किया जायेगा जैसे मंदिर और गौशाला के पैसे का. इस भावना से ही प्लान को पर्सनल टच दिया जा सकेगा.
२. खेत का एक कार्ड होगा, जिसमें इसका नाप चौक और पिछले तीन साल का इतिहास होगा.
३. खेत के एक कोने में ढलान के अनुसार खेत तलाई होगी और सोलर सिस्टम से ड्रिप जुड़ी होगी.
४. वर्षा से पहले खेत की मिट्टी की जांच अनिवार्य होगी.
५. इस जांच और पिछले सालों के इतिहास के आधार गाँव के कृषि केन्द्र से उचित बीज मिलेगा.
६. उचित बीजों का उत्पादन और भण्डारण सम्बंधित पंचायत समिति में ही होगा.
७. जैविक खाद और जैविक कीटनाशक ही काम में लिया जाएगा और यह भी कृषि केंद्र से मिलेगा.
८. किसान को बीज, खाद और कीटनाशक के लिए केश में कुछ नहीं देना होगा. मात्रा और राशि खेत के कार्ड में लिख दी जायेगी. इनका पेमेंट फसल आने पर लिया जाएगा. इस राशि पर ब्याज लगेगा.
९. किसान को एक बीघा के लिए एक हजार रूपये नकद , चार महीने के लिए ब्याज पर स्थानीय सहकारी बैंक के माध्यम से मिलेंगे. कोई अनुदान नहीं, कुछ भी मुफ्त नहीं.
१०. प्रत्येक खेत का बीमा होगा ताकि प्रतिकूल परिस्थिति का असर किसान के परिवार पर न पड़े.
११. एक गाँव में एक प्रशिक्षित कृषि स्नातक इस कार्य की देखभाल करेगा.
१२. गाँव में प्रत्येक फसल को ग्रेडिंग और प्रोसेस करने की ईकाई होगी जो फसल को पेक करके भेजेगी. जो किसान सीधे माल बेचना चाहेगा उसको फसल ग्रेडिंग की सुविधा उचित मूल्य पर मिलेगी.
१३. किसान को दिए गए उधार को उसी वर्ष में अनिवार्य रूप से वसूल किया जाएगा. सस्ती लोकप्रियता नहीं होगी. अगर फसल अनुमान से बहुत कम हुई है तो बीमे की राशि से भरपाई की जायेगी.
१४. इस सिस्टम में ग्रीन हाउस से सब्जी, बड़े पेड़ और पशुपालन को जोड़कर अत्याधुनिक खेती एक साल बाद में शुरू होगी. तब यह एक आदर्श स्थिति बन जायेगी, जिसकी हम कल्पना करते हैं.
१५. और बता दें कि यह सब हवाई प्लान नहीं है, संपर्क, अनुभव और अध्ययन के आधार पर तैयार है और पूर्णतया व्यवहारिक है.
पहले वर्ष में राजस्थान में एक हजार गाँवों को ऐसे प्लान किया जाएगा. फिर अगले वर्ष दो हजार, पांच हजार, दस हजार और बीस हजार गाँवों को इस योजना से जोड़ा जायेगा. अगर वर्तमान सरकार ने ध्यान दे दिया तो ठीक, वर्ना 2019 में जनता की सरकार इसे लागू करेगी !
इस विधि से आधुनिक खेती में इस 20 बीघा जमीन में हर वर्ष कम से कम 5 लाख रूपये की आमदनी होगी.
इस वेबसाइट पर ही आप ‘अभिनव कृषि’ में विस्तार से वर्णन देख सकते हैं.
वंदे मातरम !