अभिनव राजस्थान में इन दिनों क्या दिखाई देगा ?
मई और जून में.
1. कृषि और पंचायत विभाग के सभी अधिकारी गांवों और खेतों में घूमते होंगे. सरपंच से लेकर जिला प्रमुख-सांसद-विधायक तक सभी जनप्रतिनिधि गाँवों में इन अधिकारियों के साथ अगली खेती की प्लानिंग कर रहे होंगे. माला साफा वाले प्रोग्राम नहीं बल्कि राजस्थान की खेती पर गंभीर मंथन होगा. औपचारिकताएं कम और गंभीर कार्य ज्यादा.
2. सभी खेतों की मिट्टी की जांच होगी और किसानों को तीन उचित फसलों में से एक के चुनाव का आव्हान किया जायेगा. उनको उचित खाद के इस्तेमाल के सुझाव भी दिए जायेंगे.
3. जल संसाधन विभाग कम और अधिक बारिश की स्थिति के लिए तैयारी करेगा. सभी तालाबों और खेतों में पानी के संरक्षण का खाका तैयार होगा.
4. उन्नत बीजों के भंडार सुनिश्चित किये जायेंगे. बारिश जल्दी आये तो कौनसे बीज, लेट आये तो कौनसे बीज, यह ठीक से समझाया जाएगा.
5. किसानों को खेती के लिए आवश्यक रूपये सहकारी विभाग वितरण करेगा.
6. राजस्थान में खरीफ की सभी फसलों का न्यूनतम मूल्य घोषित होगा जो किसानों से सलाह करने के बाद तय होगा. भारत सरकार क्या करती है, उससे कोई मतलब नहीं होगा. उचित मूल्य पर खरीद राजस्थान सरकार ही करेगी. बैसाखी के सहारे राजस्थान नहीं जियेगा.
7. मीडिया में हर तरफ खेती किसानी की ख़बरें होंगी. लगेगा कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था की धुरी खेती है.
हमें काम करना है, ढ़ोंग नहीं.
हमें परिणाम देने हैं, रोना नहीं है.
क्योंकि शासन जनता का अपना होगा.
क्योंकि शासन जवाबदेह और पारदर्शी होगा.
क्योंकि राजस्थान का उत्पादन बढ़ाना हमारी प्राथमिकता होगी.
क्योंकि खेती बढ़ेगी तो बाजार चलेगा.
बाजार चलेगा तो प्रदेश और देश चलेगा.