‘अभिनव राजस्थान अभियान’ का अगला समागम.
जयपुर में, नवम्बर के आखिर में. 1100 मित्रों की उपस्थिति रहेगी.
फिर शुरू होगा, प्रदेश के शासन की मोनिटरिंग का बड़ा प्रोग्राम. (share)
मित्रों, नागौर जिले में हम लोग पिछले कई महीनों से शासन व्यवस्था को समझ रहे हैं, आवश्यक होने पर हस्तक्षेप कर रहे हैं, अपनी कार्रवाई का विश्लेषण कर रहे हैं. अगले तीन महीने में यह मॉडल, यह प्रयोग शासन के हर क्षेत्र में असरदार होने लगेगा. इस प्रयोग की सफलता निश्चित है. आपको भी लगने लगा होगा कि इस तरीके से शासन को नियंत्रित किया जा सकता है, उसकी दिशा तय की जा सकती है, उसकी काम करने की गति बढ़ाई जा सकती है.
दिसम्बर से हमारा अभियान प्रदेश के कई अन्य जिलों में शुरू हो जाएगा. एक जिले में बीस-तीस मित्रों के जिम्मे काम रहेगा. नवम्बर, 2015 तक राजस्थान में हम एक स्वतंत्र, सकारात्मक और जिम्मेदार प्रभाव समूह (pressure group) के रूप में स्थापित हो जायेंगे जो राजस्थान के विकास को लेकर काम कर रहा होगा. राजस्थान के आमजन के हितों के लिए खड़ा होगा. हम राजस्थान को कुछ नेताओं या अफसरों के भरोसे कैसे छोड़ सकते हैं ? हमारी अगली पीढ़ी को एक सड़ी गली व्यवस्था देकर कैसे जा सकते हैं ?
जयपुर समागम हमारे अभियान के लिए एक मील का पत्थर होगा. पिछले कई सालों के हमारे अध्ययन और अनुभव के आधार पर बनी हमारी कार्ययोजना को हम प्रदेश की जनता के सामने प्रभावी ढंग से रखेंगे. तःथ्यों के साथ. व्यवहारिकता के साथ.
अगले 90 दिनों में हमें बहुत कुछ करना है ताकि एक अत्यंत सफल समागम ही परिवर्तन का संकेत दे दे. हमें आज से ही अपने मित्र समूहों के गठन की रचना मन में बना लेनी है. तभी यह लक्ष्य हासिल हो पायेगा.
कार्यक्रम शहर के बीच प्रमुख स्थान पर होगा. किसी रविवार को होगा. सुबह 11 बजे से दोपहर बाद 4 बजे तक होगा. एक एक मिनिट का हिसाब होगा. केवल किये हुए या किये जाने वाले काम की बातें होंगी. सलाह की बजाय जिम्मेदारी लेने की बातें होंगी.
‘अभिनव नागौर’ से ‘अभिनव राजस्थान’ की ओर.
वन्दे मातरम !