The Ultimate Post on Abhinav Rajasthan
आखिर ‘अभिनव राजस्थान अभियान’ को कौन, कैसे और क्यों चलाएंगे ?
ताकि कोई संदेह न हो, कोई भ्रम न हो.
यह लगभग एक हजार लोकतंत्र के दीवाने मित्रों का समूह होगा जो राजस्थान को समृद्ध बनाने के प्रति समर्पित होगा. समृद्धि, प्रकृति और संस्कृति का संगम राजस्थन में बनाना एकमात्र लक्ष्य होगा. एक जिले में लगभग बीस-तीस मित्र होंगे.
इनका कोई औपचारिक संगठन नहीं होगा, कोई पद नहीं होंगे, और न इनका कोई फंड होगा. सभी मित्र अपनी हैसियत और जेब के नाप के अनुसार अपने हाथ से अपना पैसा देश और समाज के हिते में खर्च करेंगे. हम वर्तमान राजनैतिक संगठनों का विकल्प नहीं बनना चाहते हैं. हाँ, राजनीति को लोकनीति में बदलकर इन संगठनों के स्वरुप और कार्यप्रणाली में बदलाव करने का प्रयास हम करेंगे.
इस समूह का कोई बोस नहीं होगा, कोई मुखिया नहीं होगा. सभी समान दर्जे के लोग होंगे. समूह में काम और समर्पण के अनुसार महत्त्व बदलता रहेगा. जो ज्यादा काम करेगा उसको जनता और साथी ज्यादा सम्मान देंगे. हो सकता है कि सूत्रधार होने का कुछ श्रेय मुझे मिले पर मुझसे ज्यादा काम करके कई साथी मुझसे कहीं आगे निकल जाएँ तो मुझे यह देखकर अच्छा लगेगा.
समूह का नियंत्रण moral authority के आधार पर होगा. अनुचित या लक्ष्य के विपरीत काम करने वाले सदस्यों को इसी ऑथोरिटी से नियंत्रित किया जाएगा. फिर भी कोई न माने तो वह जाने और जनता जाने. गैरकानूनी काम करेगा तो क़ानून जाने.
हम एक परिवार या समाज के रूप में होंगे लेकिन औपचारिक बंधनों से दूर होंगे. बाध्यता नहीं होगी. जो भी काम सम्मान और स्नेह के आधार पर मित्र करेंगे, ठीक है. घर की जिम्मेदारी या अन्य मजबूरियां काम न करने दे तो मित्र काम छोड़ सकता है. डर लगे या भ्रम हो जाए तो भी काम छोड़ सकते हैं. बंधन या मजबूरी में किये गए काम ‘अभिनव राजस्थान’ नहीं बना सकते हैं. बठकों का भी कोई फिक्स समय नहीं होगा कि एक महीने में हो या दो महीने में. जब मूड बन जाये और कोई मित्र चाय-नाश्ते की ‘व्यवस्था’ कर दे और मित्रों को आग्रह में प्रेम दिखाई दे जाए तो इन मस्तों की बैठक हो जायेगी.
पहले चरण में यानि इस वर्ष में हमारे मित्र एक एक सरकारी विभाग का जिम्मा लेंगे, उसकी योजनाओं को समझेंगे, मोनिटरिंग करेंगे. उनको इस विभाग का इतना ज्ञान होगा, कि वे ‘सुपर मिनिस्टर’ बन जायेंगे. जनता के ‘सुपर मिनिस्टर’ ! एक विभाग के मित्र आपस में संपर्क करेंगे, एक जिले के मित्र भी संपर्क में रहेंगे. सरकार के कम की समीक्षा होगी और पत्र लिखने या अन्य एक्शन का प्लान बनेगा.
इस 30 नवंबर को इस प्लान का एक मोटा मोटा स्वरुप मित्रों को जयपुर के संगम में बताया जायेगा. उसके अनुसार सभी अपने अपने जिलों में लोकतंत्र की स्थापना और विकास के कम में लग जायेंगे. साथ ही मित्रों से अपेक्षित व्यवहार के बारे में भी बता दिया जायेगा.
अगले चरण में यानि अगले वर्ष हम सरकार की नीतियों और योजनाओं की समीक्षा करेंगे और उनमें बदलाव करवाने में लगेंगे.
अंतिम लक्ष्य ? असली लोकतंत्र और विकास का गान हर तरफ सुनाई देने लगे. प्रदेश का बुद्धीजीवी वर्ग विश्वास से भरकर आगे आये और वोटों के खेल से आगे इस मंच से सोचे, इस मंच से बोले, इस मंच से कुछ करे. देश और समाज के लिए. एक दिशा में. ‘अभिनव राजस्थान’ बन गया समझो.
और मेरा फायदा ? कोई चुनावी फायदा ? मेरे दल की तरफ से चुनाव का मौका मिलते ही लडूंगा. क्यों न लडूं और आज के शब्दों में क्यों दोगली बात कहूँ कि मैं गैर-राजनैतिक हूँ ? मेरे जैसे सैकड़ों मित्र भी अपने दल या संगठन से लड़ें और सफल हों. लेकिन जो चुनाव से दूर रहना चाहें, वे भी बिना चुनाव लड़े, इस प्लान से देश, समाज को बहुत कुछ दे सकते हैं और समाज में सम्मान अर्जित कर सकते हैं. स्वतंत्र रूप से. एकदम साफ़. दल में रहें या बाहर- लोकतंत्र और विकास तो हर नागरिक का लक्ष्य होना ही चाहिए. जो लोकतंत्र या विकास के विरोध में है या चुप है , चाहे किसी भी संगठन में है, वह देश को नुकसान पहुंचा रहा है.
आप इसी साईट पर विस्तार से कई अन्य बातें भी जान सकते हैं.
‘अभिनव राजस्थान अभियान’
एक नया समाज रचने के लिए जो सही मायने में लोकतान्त्रिक होगा, विकसित होगा.
वंदे मातरम !