'अभिनव राजस्थान' क्या है ?
'अभिनव राजस्थान' कब बनेगा ? या केवल कल्पना है ?
क्या कोई सरकार इसके लिए मानेगी ?
तीन उत्तर – एकदम सीधे.
'अभिनव राजस्थान' ऐसे विकसित और लोकतांत्रिक राजस्थान का नाम है जिसमें विकास हमें हमारे आँगन में, हमारी गली में दिखाई पड़े, महसूस हो. लेकिन यह विकास हमारी प्रकृति और संस्कृति की कीमत पर न होकर इनके साथ समन्वय से होगा.
जब राजस्थान में एक बड़ा समूह, लगभग एक हजार समर्पित, ऊर्जावान मित्रों का, तैयार हो जायेगा तो ऐसे राजस्थान को बनने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक पाएगी. यह दो साल में भी हो सकता है और पांच साल में भी. मित्रों की ईच्छाशक्ति पर और ईश्वर की कृपा पर निर्भर करेगा.
सरकार कौन ? हमीं तो सरकार हैं- जनता. और जब हम राजस्थान में माहौल बनाकर अपनी ईच्छा जाहिर कर देंगे, शानदार ढंग से तो कौन सरकार होगी जो इस काम को करने से मन कर देगी. और इसके लिए हमें चुनाव लड़ने की कहाँ जरूरत है. हम वोट से आगे चलकर ही तो काम करना चाहते हैं. वोट पड़ते रहें किसी को भी.
दिल्ली प्रदेश में जो हुआ, उससे तुलना लाजिमी है पर हर प्रयोग अलग विचार के आधार पर होता है. और हमारा विचार उनसे काफी अलग है. कई मायनों में अलग है.
हम धरने प्रदर्शन करके किसी 'उनकी' सरकार को मान्यता नहीं देंगे, हम तो कहते हैं कि जो भी है, वह हमारी सरकार है. हम अधिकार भाव से कलम और कागज के दम पर अपनी नांव को लोकतंत्र और विकास के किनारे ले जायेंगे. मीडिया और न्यायपालिका हमारी पटवार होगी और आप मित्रों की ऊर्जा हवाओं का रूख वांछित दिशा में बदल देगी.
जयपुर के 30 नवंबर के समागम में दोपहर 2 बजे से शाम 6 तक जयपुर में मिलते हैं और अपनी यात्रा शुरू करते हैं. मंजिल सामने ही तो है.
वंदे मातरम !