भस्मासुर और शिव जी की कहानी याद है क्या ? आजकल मैं फील्ड में यह कहानी चुनावों के बारें में खूब सुनाता हूँ.
राक्षस भस्मासुर ने शिव जी की तपस्या की तो शिव प्रसन्न हो गए. बोले, मांगो, क्या चाहिए…भस्मासुर बोला कि ऐसे ताकत दे दो कि जिस पर हाथ घुमाऊं. वह भस्म हो जाये. भोले भंडारी …दे दी ताकत. पर भस्मासुर तो भस्मासुर ….सोचा कि इस ताकत का प्रयोग कर लें, टेस्ट कर लें. शिव जी पर ही कर लें !! अब शिव आगे और भस्मासुर पीछे. कृष्ण भगवन ऐसे में आगे आये और अपनी लीला से शिव जी को बचाया.
यह जो भारत की जनता है न, यह भी शिव जी का प्रतिरूप है. भावुक अधिक है. कोई भी रोयेगा, पैर पकड़ेगा, जाति-सम्प्रदाय की दुहाई देगा, उसको अपनी ताकत दे देगी. वह ताकतवर बनते ही सबसे पहले इसी को डराएगा…मिलना है तो सर्किट हॉउस आ जाना…ज्यादा जोर से मत बोल…विरोध में काले झंडे दिखाए तो पुलिस से पिटवा दूंगा…सवाल मत पूछ, लूटने दे.
अभिनव राजस्थान पार्टी, पहली पार्टी है जो कह रही है कि हमें ताकत मत ओ, काम दो. ताकत आपके पास रखो. अधिक ताकत माथा खराब करती ही है, हमारा भी माथा घूम जायेगा. इसलिए हम जनता के पास डंडा (स्टाम्प पर लिखा हुआ) और टॉर्च (पारदर्शिता की गारंटी) रखना चाहते हैं. जैसे ही हम रस्ते से हिले कि हमें हिला दिया जाये.
राजस्थान में यह सबसे सुनहर चांस है.
राजस्थान की जनता को इसे नहीं खोना चाहिए.
बाद में पछताने के सिवा कुछ नहीं होगा.
बार बार धोखे नहीं खाने चाहियें.
इस बार भावना में बहकर नहीं, दिमाग से वोट करना चाहिए.
पीढियां पनप जाएँगी.
वर्ना ….आप जानते हो अगले पांच साल में भी वही होना है जो पहले हुआ है.