हमारा रोडमेप तैयार है ! (super Sunday special) (उन मित्रों के लिए जानकारी, जिनको लगता होगा कि आखिर अभिनव राजस्थान बनेगा कि नहीं या यह अभियान कहाँ तक पहुंचेगा. या कि गति धीमी तो नहीं है.) गंभीरता से ध्यान दें. अभिनव मित्र तो एक एक शब्द कंठस्थ कर लें.
2009 में हमने अभिनव राजस्थान को लिखना शुरू किया था. एक बार यह 216 पेज की पुस्तक के रूप में लिख दिया गया. फिर 2010 से 2012 के बीच हम राजस्थान के लगभग सभी जिलों में गए और स्थानीय मित्रों से बहुत सी जानकारियां जुटाईं, धरातल पर शासन और समाज को समझा. इस दौरान, दो बार प्रदेश भर के साथी सम्मेलन के रूप में मिले भी. आपसी विश्वास और तालमेल बढ़ा.
2013 में अभिनव राजस्थान की सम्पूर्ण योजना भी व्यवस्थित ढंग से लिख ली गई. वेबसाइट www.abhinavrajasthan.org पर बहुत सी सामग्री पोस्ट कर दी गई.
2014 और 2015 में हमने राजस्थान के कुछ जिलों में सम्मेलन किये और नए मित्रों को जोड़ा. अभियान की जानकारी का प्रसार किया. सोशल मीडिया पर भी बड़े स्तर पर अभियान चला.
इस वर्ष मिशन 2016 चल रहा है, जिसमें हम एक बड़ी टीम ऐसे प्रशिक्षित और समर्पित साथियों की बना रहे हैं, जिसके सदस्य शासन के किसी न किसी एक विषय के जानकार हों. Super 100 से Super 1000 की तरफ हमें बढ़ना है. हम सफलतापूर्वक बढ़ रहे हैं.
2016 में ही हमें ‘अभिनव राजस्थान’ पुस्तक तैयार करनी है, जिसमें हमारे सपनों के राजस्थान का पूरा Design होगा, हर क्षेत्र की व्यवहारिक योजना होगी.
यह पुस्तक 2017 में राजस्थान के कोने कोने में आमजन तक बड़ी संख्या में मित्रों की मदद से पहुंचाई जायेगी. जनजागरण का बड़ा अभियान चलेगा. साथ ही हमारी सुपर टीम शासन पर अपनी पकड़ को मजबूत करेगी. शासन संभाल रहे लोगों को समझा दिया जाएगा कि चुनाव जीतकर आने या किसी परीक्षा को पास करके पदों की मौज उड़ाने का वक्त गया. जनता को हिसाब चाहिए, हर महीने. लोकतंत्र यही होता है. 2018 का राजस्थान विधानसभा के चुनाव का Agenda अभिनव राजस्थान तय करेगा. हम चुनाव लड़ेंगे या नहीं, यह समय और तात्कालिक परिस्थितियां तय करेंगी पर राजस्थान के शासन को लोकतंत्र के रंग में हम रंग देंगे. पर चुनाव से परहेज का ढोंग हम नहीं करेंगे.
कई मित्रों को धरने प्रदर्शन, धमाके-खुलासे क्रांतिकारी लगते होंगे पर हमारे अध्ययन में यह समझ आया है कि इनसे व्यवस्था में कोई स्थाई परिवर्तन नहीं होता है. दूसरे ये प्रदर्शन सिद्ध करते हैं कि शासन किसी और का है, हमारा नहीं. परिवर्तन के लिए योजना बनानी होती है. कागज़-कलम घिसने होते हैं, हल्ले से काम नहीं चलता है.
अपने इस अभियान के दरवाजे हर उस व्यक्ति के लिए खुले हैं जो समर्पित भाव से अभियान की योजना से काम करना चाहता है. बुरी नीयत, तुच्छ स्वार्थों वाले या जातिगत या अन्य उन्माद से भरे लोग हमसे दूर रहें. घटिया बातें, कमेन्ट या जहर को देखते ही हम ऐसे लोगों को ब्लोक करते हैं. उनके लिए कई और मंच हैं, वहाँ जाएँ. साथ ही हमें जातिगत या सांप्रदायिक बेलेंस बनाने या तुष्टीकरण करने में भी कोई रुचि नहीं है. उसके लिए राजनीति करनी होती है जबकि हम राजनीति को विदा करके लोकनीति स्थापित करना चाहते हैं.
भारत में स्वदेशी शासन आने के बाद अभिनव राजस्थान पहला प्रयोग होगा जो जनजागरण के दम पर नई व्यवस्था बनाएगा. स्पष्ट हो कि व्यवस्था में परिवर्तन या सुधार या लीपापोती हमारा लक्ष्य नहीं है. हमारा लक्ष्य नई व्यवस्था बनाना है, जो वर्तमान समय, हमारे भूगोल और हमारी संस्कृति के अनुरूप हो. वर्तमान व्यवस्था अंग्रेजी व्यवस्था का ही क्रम, continuation है और ऊपर से यह सड़ भी चुकी है.
वंदे मातरम !