2019 में जनता जनार्दन के समर्थन से हम जैसे ही अभिनव राजस्थान बनाने की जिम्मेदारी संभालेंगे,
ये 11 काम पहले तीन महीनों में प्राथमिकता से करेंगे.
ये काम भारत में पहली बार कोई प्रशासन करेगा,
क्योंकि यह कोई सत्ता परिवर्तन का खेल नहीं होगा, बल्कि नई व्यवस्था की स्थापना होगी.
नई सामाजिक व्यवस्था, आर्थिक व्यवस्था और नई प्रशासन की व्यवस्था.
1. पहले तीन महीनों में- जनवरी से मार्च तक, सम्पूर्ण राजस्थान में सामाजिक फिजूलखर्ची के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जायेगा. हम सभी समाजों के संगठनों का सहयोग लेकर विवाह, मौत और अन्य अवसरों पर होने वाले खर्च को अपने अपने ढंग से कम करवाएंगे. सादगी भरे समारोहों के पक्ष में माहौल बनाकर मध्यम और गरीब परिवारों को आर्थिक आजादी दिलवाएंगे. हम नहीं चाहते कि तथाकथित सामाजिक थोथी इज्जत के नाम पर ये परिवार अपने सपनों को मारे, कर्जे ले या अपने बच्चों के भविष्य को खाई में धकेलें. इस आर्थिक गुलामी ने परिवारों की सांस रोक रखी है. इससे मुक्त होने पर ही इन परिवारों का ध्यान असली विकास पर जायेगा. तभी वे अपनी कमाई को परिवार को आगे बढ़ाने पर खर्च करेंगे. खेती-उद्योग-व्यापार तभी पनपेंगे. शिक्षा-स्वास्थ्य तभी सुधरेगा.
संस्कार सादगी से भी निभाये जा सकते हैं. बल्कि संस्कार सादगी से ही सुन्दर लगते हैं.
लेकिन यह काम अफसर लोगों के भरोसे नहीं होगा. जनप्रतिनिधि, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक इस अभियान का नेतृत्व करेंगे.
2. जिन पंद्रह हजार गाँवों में खेती की विशेष योजना दो करोड़ रूपये प्रति गाँव चलेगी, उन गाँवों के नागरिकों के साथ बैठकें होंगी ताकि वे इस योजना का विशेष महत्व समझ सकें. उनको ऐसा नहीं लगे कि यह ‘राज’ का पैसा है, जैसा नरेगा में समझा गया था. गाँव के लोगों को इस पैसे से अपनी अगली पीढ़ी का भविष्य सुधरने की कसम खानी होगी और खुद इस खर्च पर निगरानी रखनी होगी. पारदर्शिता में कोई समझौता नहीं होगा. तभी गाँव में खेती का उत्पादन बढ़ेगा और उचित मूल्य और बीमा मिल सकेगा.
ऐसा ही उन 12 हजार गाँवों में किया जायेगा, जिनका चयन दो करोड़ रूपये प्रति गाँव के हिसाब से पशुपालन और कुटीर उद्योगों के लिए किया जायेगा.
3. तीन महीने तक सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रेम से समझाया जाएगा कि वे ‘रिश्वत’ से तौबा कर लें और अपने तन,मन और धन को ईमानदार जीवन के लिए तैयार कर लें. हर माध्यम से ईमानदारी के पक्ष में माहौल बनया जायेगा ताकि ईमानदार होने पर गर्व होने लगे. साथ ही समाज में पैसे का मूल्य ज्ञान और कला से कम करने पर भी बल दिया जायेगा. तभी पैसे का क्रेज कम होगा क्योंकि जब ज्ञान और कला वालों, सादगी से जीने वालों, का समाज अधिक मूल्य करने लगेगा तो कोई व्यक्ति उठापटक करके गलत तरीके से पैसा क्यों इकठ्ठा करेगा ?
पहले जो हुआ सो हुआ. गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ेंगे, क्योंकि माँ के पेट से कोई बुरा पैदा नहीं होता है, व्यवस्था बुरा बना देती है, ऐसा हम मानते हैं. एक मौका नए जीवन के लिए मिलना चाहिए. इसके बाद कोई राहत नहीं होगी. इसके बाद भारी सख्ती होगी, जैसी पहले कभी नहीं हुई.
4. पहले महीने में ही सभी अधिकारियों को ये निर्देश होंगे कि वे अपने ऑफिस में कायदे से आने वाले नागरिकों का सम्मान करे. उनको नमस्ते कहें और उनका सहयोग करने की पूरी कोशिश करें. अधिकारी-कर्मचारी को प्रेम से इस निर्णय के पीछे छिपा भाव समझाया जायेगा.
5. पहले महीने में ही राजस्थान की पुलिस को निर्देश होंगे कि वह पीड़ित के घर जाकर FIR दर्ज करे. अब थाने के चक्कर काटना बंद.
6. जिन 10 हजार युवाओं का चयन विशेष रोजगार योजना के लिए होना है, उनके प्लान को समझकर समय पर चयन किया जायेगा. तीन महीने में यह काम पूरा हो जायेगा.
7. कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं को पांच हजार रूपये प्रति माह के एवज में समाज और शासन के जो काम करने हैं, उनके रूपरेखा तैयार हो जाएगी. नए सेशन में यानी जुलाई, 2019 से योजना लागू हो जाएगी.
8. ग्रामीण बालिकाओं को उनके घर से सीनियर स्कूल और कॉलेज तक लाने-ले जाने के लिए विशेष बसों की व्यवस्था की जाएगी. सरे रूट्स, प्रक्रिया तय हो जाएगी ताकि नए सेशन में तुरंत योजना लागू हो जाये.
9. सूचना के अधिकार की धारा 4 के तहत शासन की सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ विभागों की वेबसाइट पर डाल दी जाएँगी ताकि शासन में पारदर्शिता आ जाये.
10. राजस्थान के बजट को सरल भाषा में व्यवस्थित किया जायेगा ताकि हर नागरिक इसे आसानी से समझ सके. पैसा उन्हीं का तो है, उन्हें मालूम हो कि यह कैसे खर्च हो रहा है.
इसके साथ ही हर जिले और विधानसभा क्षेत्र का प्लान हमारे द्वारा दिए गए एफिडेविट के आधार पर तैयार करवाएंगे. अभिनव जिला परिषद् को ही विकास में प्रमुख भूमिका निभानी है.
11. शराब के नशे के खिलाफ गाँव-गाँव में मीटिंग्स होंगी ताकि समाज शराबबंदी के लिए तैयार हो सके. साथ ही शराब की लत वालों के ईलाज के लिए कैंप लगाए जायेंगे.
तीन महीने की इस जमीनी तैयारी के बाद 1 अप्रैल 2019 से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष के पहले दिन से काम तेज गति से शुरू हो जायेगा. सभी जिलों को पैसा तुरंत आवंटित हो जायेगा. और जुलाई 2019 में शुरू होने वाली खेती (खरीफ) तथा स्कूल-कॉलेज के नए सेशन में नई व्यवस्था आराम से स्थापित हो जाएगी.
(अब कुछ आलोचक कह सकते हैं कि अभी ऐसी बातें क्यों कर रहे हो, सफल हो जाने पर कर लेना ! लेकिन हमारा मानना है कि सफल होने पर अगर हमारा होमवर्क नहीं रहा तो अभिनव योजनाएं लागू कैसे होंगी. वक्त बीतते क्या पता चलता है ? पहले से तैयारी करने में क्या बुरा है ? ऐसा सोचना अपराध तो नहीं है ?)
वन्दे मातरम्, इन्कलाब जिंदाबाद, जय हिन्द.
अभिनव राजस्थान पार्टी,
राजस्थान की अपनी पार्टी.
असली लोकतंत्र और असली विकास को समर्पित.
Good work
Wow. I just one input. Do not restrict good work with in Rajasthan. I’m from Bangalore n looking similar thing in karnataka also.R ghansham
सिर्फ अभिनव राजस्थान
मुझे यह पढ़ कर बहुत गर्व हुआ और मुझे आशा ही नही बल्कि पूर्ण विश्वास है कि ये योजना सफल होगी आज की नई पीढ़ी कर्म पर विश्वास करती है इससे मेरे राजस्थान का विकास अब कोई नही रोक सकता ।गांव में खाली पड़ी जमीन में आवारा पशुओं के लिए घास उगाई जाएगी .जिससे अब कोई पसु प्लाटिक खा कर नही मरेगा।
श्रीमन्त, आपका गाँवो के विकास का प्रयास का विचार अच्छा है परन्तु कमियां बहुत ज्यादा है ,आपकी योजनाओं को वास्तविक धरातल पर उतारने के लिए संसाधन व धन कँहा से आएगा इसका कंही जिक्र नही है। 1) 3 माह में सैंकड़ों वर्षो की कुरीतियां समाप्त नही हो सकती है ? 2) 15 हजार गांवो में प्रति 2 करोड़ का खर्च ,पर इसका रॉड मेप कँहा है ,हर गांव में कुटीर उद्योग व पशुपालन ,परन्तु वंहा की आवश्यकता क्या है उअस पर पालन बनना चाहिए ।।
3) यह सबसे कठिन है है इसे सिर्फ कड़े कानून से ही कम किया जा सकता है ,राज या पप्रशासन भाईचारे से नही चलते हैं ।। 4 ) आदि आदि —- शेष मिलने पर चर्चा करेंगे ।