(अभिनव परिवहन)
अभिनव राजस्थान में ट्रक ड्राइवर सम्मान से रहेंगे.
कोई पुलिस या आर टी ओ अधिकारी खुलेआम उनकी बेईज्जती या उनसे मारपीट नहीं कर पायेगा.
पता नहीं क्यों इनको दशकों से ऐसे ब्रांड कर दिया गया है जैसे ये चोर हों, बदमाश हों.
अभिनव राजस्थान में ऐसा नहीं चलेगा. हमारे अर्थतंत्र के इन सिपाहियों को सम्मान के साथ सुविधाएं भी उच्च स्तर की मिलेंगी.
राजस्थान में सभी राष्ट्रीय मार्गों पर हर पचास किमी पर एक बड़ा सुविधा केंद्र होगा, जो ट्रक-बस के स्टाफ के लिए होगा. खाने, ठहरने और रहने की शानदार सुविधाओं के साथ ही दैनिक जरूरतों का स्टोर होगा. इन सुविधा केन्द्रों को इन ट्रकों-बसों से मिलने वाले राजस्व यानी परिवहन शुल्क से बनाया जायेगा. अभी हम इस शुल्क के एवज में इनको सड़क की सुविधा के अलावा एक भी अन्य सुविधा नहीं दे रहे हैं. और बढ़िया सड़क बनते ही टोल ऊपर से लेना शुरू हो जाता है !
दूसरी और इन ट्रकों और बसों के मूवमेंट को उच्चस्तरीय तकनीक से मोनिटर किया जाएगा. इक्कीसवीं सदी में वर्तमान खाकी सिस्टम की जरूरत नहीं है. प्रत्येक दस किमी पर केमरे होंगे, पचास किमी पर ऑफिस होगा, जो जनसुविधा केंद्र के साथ जुड़ा होगा. सभी वाहनों की सभी प्रकार की जानकारी अधिकारी के पास लेपटोप में होगी. किसी ट्रक को कागज़ लेकर घूमने की कोई जरूरत नहीं होगी. नंबर स्केन होते ही पूरा डिटेल आ जायेगा. टेक्स दिया है या नहीं, पहले से कोई दुर्घटना का रिकोर्ड है या नहीं. ओवरलोड में पहले ही फ़ाईन हुआ है या नहीं. ड्राइवर की भी डिटेल आ जायेगी. ट्रांसपोर्टर के ऑफिस को भी इस व्यवस्था से जोड़ दिया जाएगा.
कोई टोल राजस्थान में नहीं देना होगा. अगर केंद्र सरकार जिद करेगी तो उनको परिवहन शुल्क में से एक मुश्त टोल उनको दे दिया जाएगा. परिवहन शुल्क को खर्च करने का अधिकार परिवहन विभाग और सड़क विभाग को होगा. वित्त विभाग को केवल जानकारी होगी. उसक कोई दखल नहीं होगा. यह मानना होगा कि परिवहन का काम करके ट्रक और बस वाले राजस्थान की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं. उनके इस कारोबार से कमाने का ईरादा सरकार को छोड़ना होगा. इन लोगों को अपने ही समाज के महत्त्वपूर्ण लोग मानकर, सीमा पर सुरक्षा कर रहे सिपाहियों की तरह मानकर ही हम काम करेंगे. ऐसी सकारात्मक सोच से ही प्रदेश मजबूत बनेगा. तभी सबका साथ-सबका विकास होगा.
पुलिस का परिवहन विभाग से लिंक पूरी तरह ख़त्म कर दिया जायेगा. पुलिस केवल अपराध की जाँच और रोकथाम करेगी. परिवहन विभाग का काम विभाग की प्रशिक्षित टीम ही करेगी.
लेकिन शराब की कोई दुकान इन रास्तों पर नहीं होगी. वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करते हुए पाया जाना बर्दाश्त नहीं होगा. लेन सिस्टम सख्ती से लागू होगा. कानून का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर सख्त जुर्माना होगा. तीन बार उल्लंघन के बाद वाहन सीज हो जायेगा, ड्राइविंग लाइसेंस रद्द हो जायेगा.
लेकिन अभिनव राजस्थान की इस नई व्यवस्था को लागू करने से पहले प्रदेश में व्यापक स्तर पर ट्रांसपोर्टरों, व्यापारियों, ट्रक ड्राइवरों और जागरूक नागरिकों के साथ ही अधिकारीयों से चर्चा होगी. पर यह चर्चा सालों नहीं चलेगी ! तीन महीने में चर्चा पूरी.
वन्दे मातरम्
अब नई व्यवस्था से ही होगा. पुरानी व्यवस्था सड़ गई है, उसमें सुधार या लीपपोती की कोई गुंजाईश नहीं है.
Achha paryas hai me apke saath hu