(अभिनव राजस्थान का अभिनव शासन)
अभिनव राजस्थान में जिला कलक्टर का पद नहीं होगा !
अभी एकदम से कईयों के यह बात पल्ले नहीं पड़ेगी ! क्योंकि लम्बी अंग्रेजी गुलामी के कारण लगता है कि कलक्टर के बिना कोई जिला कैसे चलेगा !
अभिनव राजस्थान में एक जिले में जो पांच जिला अधिकारी सबसे महत्वपूर्ण होंगे, वे होंगे- जिला कृषि अधिकारी, जिला पशुपालन अधिकारी, जिला उद्योग अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला स्वास्थ्य अधिकारी.
इनके बाद कर-बिजली-पानी-सड़क-भवन-सुरक्षा-वन-संस्कृति और भूप्रबंध के जिला अधिकारी होंगे. कलक्टर भू प्रबंध अधिकारी बन जायेंगे, जो वे अभी भी हैं, पर जैसे वे अभी दिखाई नहीं देना चाहते हैं. दूसरे विभागों में उनके दाखला की परम्परा हमेशा के लिए इतिहास बन जायेगा. कोई भी विभाग किसी दूसरे विभाग के काम में टांग नहीं अड़ाएगा- अभिनव शासन में. सभी जिला अधिकारी अपने अपने विभाग के काम के लिए जिम्मेदार होंगे और वे अपने संभागीय अधिकारी को सीधे रिपोर्ट करेंगे.जयपुर से उनका कोई सीधा व्यवहार नहीं होगा. न उनको किसी मंत्री से कोई लेना देना होगा. संभागीय अधिकारी, प्रदेश स्तर पर अपनी रिपोर्ट देंगे और प्रदेश के अधिकारी मंत्री को और मंत्री मुख्यमंत्री को. कोई भ्रम नहीं. हम मानते हैं कि एक जिला अधिकारी को दूसरे विभाग के अधीन करना एक तरह से उसकी देशभक्ति पर प्रश्न चिन्ह है, जैसा अंग्रेज लगाया करते थे. उस अविश्वास के माहौल को अब विदा करना है. अविश्वास से विकास नहीं हो सकता है, केवल ‘राज’ बना रह सकता है और हमें राज की बजाय लोकहित प्रिय है.
अब शायद सपष्ट हो गया होगा कि कलक्टर नाम की संस्था विकास के नाम पर विकास में ही सबसे बड़ी बाधा बन गई है- समूचे भारत में. एक विकासशील या विकसित देश में किसी भी विभाग का मुखिया कोई विशेषज्ञ होना चाहिए पर यहाँ ऐसे लोग विभाग के शीर्ष पर हैं, जिनको विभागीय विषय का मूल ज्ञान ही नहीं है. अब बहुत हो गया, यह समां बदलना चाहिए. अभिनव राजस्थान अभियान, एक असली लोकतंत्र के लिए, असली विकास के लिए. अपने हाथों से निर्मित. समृद्ध राजस्थान और भारत के लिए. वन्दे मातरम् !