अभिनव राजस्थान की पुलिस कैसी होगी ? कैसे बनेगी ?
‘अभिनव सुरक्षा’
1. सबसे पहले हमें ‘अभिनव समाज’ की रचना करनी होगी, जिसमें ज्ञान, सादगी और ईमानदारी का सामाजिक मूल्य पैसे, पद और बेईमानी से बहुत ज्यादा होगा. हमें समारोहों पर खर्च करने से और दिखावे से मिलने वाली प्रतिष्ठा का मूल्य भी कम आंकना होगा. ऐसे समाज से कोई व्यक्ति पुलिस में जाएगा तो वह अपने कर्त्तव्य के पथ से नहीं डिगेगा. उसे सामाजिक मूल्यों पर खरा उतरने की चिंता रहेगी क्योंकि वह अपना मूल्य समाज से ही आंकता है.
2. दूसरी तरफ अभिनव शिक्षा, स्वास्थ्य और अभिनव उत्पादन के माध्यम से प्रत्येक पुलिसकर्मी अपने परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं को लेकर चिंतामुक्त रहेगा. शासन उसके परिवार को संभालेगा तो उसे आराम होगा. इन पर विस्तार से www. abhinavrajasthan.com पर लिखा हुआ है. (दोनों बिंदुओं का उद्धेश्य पुलिस को स्थाई रूप से भ्रष्टाचार से मुक्त करने का है.)
3. थाने को ‘सुरक्षा केन्द्र’ और पुलिसकर्मी को ‘सुरक्षा अधिकारी’ के नए नाम से पुकारेंगे ताकि ‘पुलिस’ और ‘थाने’ जैसे शब्दों से जुड़े भय और अविश्वास से छुटकारा मिलेगा.
4. राजस्थान के अन्य कार्मचारियों की तरह पुलिसकर्मी की ड्यूटी भी आठ घंटे की होगी. अतिरिक्त काम करने पर उसे ओवरटाइम का पैसा मिलेगा.
5. राजस्थान में पुलिस पर नियंत्रण और उसे मागदर्शन के लिए एक पुलिस आयोग होगा जिसके रोजमर्रा के काम में कोई भी राजनेता दखल नहीं देगा. लेकिन थाने और जिले के स्तर पर CLG के माध्यम से जनता की नजर पुलिस के काम पर हर महीने रहेगी.
6. प्रत्येक पंचायत समिति का एक पुलिस स्टेशन या सुरक्षा केंद्र होगा जिसका प्रभारी एक RPS अधिकारी होगा. पुलिस चौकियां नहीं होंगी. नई तकनीक और परिवहन के तेज साधनों के युग में अब उनकी आवश्यकता नहीं है. शहरों में भी ऐसे ही समान आधार पर सुरक्षा केंद्र होंगे.
7. एक स्टेशन पर तीन पारियों में छः टीमें काम करेंगी, जिनमें छः से दस सदस्य होंगे. स्टेशन पर दिन में काम करने वाली टीम का प्रभारी Inspector होगा तो अन्य दो शिफ्ट में SI के नेतृत्व में टीमें होंगी. ये टीमें अपनी ड्यूटी के दौरान मात्र अपराध की जांच करेंगी. तीन अन्य टीमें ASI के नेतृत्व में काम करेंगी जो क़ानून और व्यवस्था का काम देखेंगी. इनमें पांच से छः सदस्य होंगे. यानि जांच और क़ानून व्यवस्था के काम एकदम अलग होंगे. पर emergency में स्टेशन के संसाधनों को पूल किया जा सकेगा.
8. पुलिस की टीमों को गाड़ियों और डीजल की कमी नहीं रहेगी और प्रति स्टेशन प्रति माह दो लाख रूपये इस मद में रहेंगे. अभी की तरह पचास लीटर डीजल के सीमा नहीं होगी, जो संस्थागत भ्रष्टाचार को बढाए. इतने से डीजल में क्या गश्त हो और क्या शातिर अपराधी को पुलिस पकड़कर लाये.
9. पुलिस में कोई भी अधिकारी idle न रहे, इसके लिए अधिकारियों के पदों और उनके कामों को भी पुनः व्यवस्थित किया जाएगा.
10. पुलिस अधिकारियों की फिटनेस ऐसी होगी कि उनको देखते ही जनता में सुरक्षा का भाव आ जाए. राजस्थान की पुलिस ऐसी होगी कि जरूरत पड़ने पर यह फ़ौज की तरह काम कर ले. Best in India.
11. पुलिस अन्य किसी विभाग का कम नहीं करेगी. न गीली लकडियाँ पकडेगी, न अवैध शराब पकडेगी, न हाइवे पर गाड़ियां चेक करेगी. ये काम वन, आबकारी और परिवहन विभाग ही करेंगे.
12. पुलिस में constable से लेकर RPS तक की प्रवेश प्रक्रिया ‘राजस्थान पुलिस आयोग’ या नए रूप में ‘राजस्थान सुरक्षा आयोग” द्वारा पूरी की जायेगी. इस फ़ोर्स में पदोन्नति के भी पर्याप्त अवसर होंगे. कोई कानिस्टेबल दस वर्ष बाद परीक्षा देकर SP बन सकेगा, तो कोई योग्य SI भी IG बन सकेगा. तभी तो फ़ोर्स में best कहलाने का जज्बा रहेगा और सुरक्षाकर्मियों के जीवन में गति रहेगी.
‘अभिनव राजस्थान अभियान’
एक सकारात्मक अभियान.
हमारे सपनों के राजस्थान के लिए.
वंदे मातरम !