अभिनव राजस्थान में 11 संभाग (division) होंगे.
33 अनुभाग (district) होंगे. जिले को अनुभाग कहना ज्यादा तर्कसंगत, सार्थक, लोकतंत्रात्मक होगा.
यह प्रशासनिक विभाजन प्रबंध, भूगोल और संस्कृति की दृष्टि से उपयुक्त होगा.
1. Jaipur – Tonk (Dhoondhar)
2. Bharatpur- Alwar- Dausa (Braj)
3. Swai Madhopur- Karauli-Dholpur (Dang)
4. Kota-Bundi-Baran-Jhalawar (Hadauti)
5. Banswara-Dungarpur-Pratapgarh(Vagar)
6. Udaipur-Chittaurgarh-Rajsamand (Mewar)
7. Ajmer- Nagaur-Bhilwara (Merwara)
8. Pali-Jalore-Sirohi (Godwad)
9. Jodhpur-Jaisalmer-Barmer (Marwar)
10. Bikaner-Ganganagar-Hanumangarh(Jangal)
11. Sikar-Churu-Jhunjhunun (Shekhawati)
प्रत्येक संभाग में एक विश्विद्यालय होगा, एक मेडिकल, एक इंजीनीयरिंग, एक एग्रीकल्चर, एक वेटेरिनरी, एक मेनेजमेंट, एक अकाउंट्स, एक पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, एक स्पोर्ट्स और एक आर्ट्स (संगीत, चित्रकला) कॉलेज होगी. इन कॉलेजों का स्तर अंतर्राष्ट्रीय होगा. इस संभाग से
12वीं पास करने वाले विद्यार्थियों को ही इन कॉलेजों में एडमिशन मिलेगा. इसी से राजस्थान का हर क्षेत्र, हर वर्ग उच्च शिक्षा में समान अवसर पा सकेगा.
संभाग में प्रत्येक विभाग के अतिरक्त महानिदेशक (additional DG) होंगे. सभी विभागों में यही designation होगा. पुलिस में, राजस्व में, कृषि में, बिजली-पानी-सड़क में यही पदनाम होगा.समरूपता होगी. किसी भी विभाग के काम में अन्य विभाग हस्तक्षेप नहीं करेगा. विभागों में समन्वय के लिए महीने में एक बार बैठक होगी, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठतम अधिकारी करेंगे, जो किसी भी विभाग के हो सकते हैं.
विभागीय योजनाओं(plans) का निर्माण और क्रियान्वयन इसी स्तर से होगा. प्रदेश स्तर पर केवल नीति (policy) बनेगी.
अभिनव राजस्थान अभियान
अपने हाथों से अपने सपनों के राजस्थान का निर्माण.
आपां नहीं तो कुण ? आज नहीं तो कद ?
वंदे मातरम !