अभिनव राजस्थान में केवल दो ही कर होंगे. बिक्री कर और खनिज कर. अभिनव सरल मगर प्रभावी शासन के लिए. वाहनों पर कोई रोड़ टेक्स नहीं, कोई टोल नहीं, न ही कोई पंजीकरण कर नहीं होगा. न ही जमीनों के लेन देन पर कोई कर होगा. शराब तो अभिनव राजस्थान में बिकेगी ही नहीं.
वर्तमान में राजस्थान के शासन की कुल आमदनी लगभग सवा लाख करोड़ रूपये प्रति वर्ष है. इस आमदनी में वाहनों के पंजीकरण व परिवहन कर, भू राजस्व और भूमि क्रय विकय कर और शराब से मात्र पंद्रह हजार करोड़ रूपये मिलते हैं. लेकिन इनका हल्ला बहुत ज्यादा है और इनकी एक नम्बर की वसूली से कई गुना ज्यादा ज्यादा दो नम्बर की वसूली है ! भ्रष्टाचार की अधिकतर जड़ें इन करों के कारण ही हैं. इसलिए अभिनव राजस्थान में हम इन करों को समाप्त करके जनता और व्यापार को सीधी राहत तो देंगे ही, साथ में प्रशासन की सफाई का बहुत बड़ा काम कर देंगे. इस टेक्स की भरपाई थोड़ा सा बिक्री कर और खनिज कर संग्रह बढ़ाने से ही हो जायेगी. अभी बाजार में बिक्री से पैंतीस हजार करोड़ और खनिजों से पंद्रह सौ करोड़ मिल रहे हैं, जिनको शासन में विश्वास और अनुशासन से आराम से बीस-तीस प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है. अभिनव शासन में वाहनों पर प्रदेश की तरफ से केवल एक ही कर, बिक्री कर लगेगा. जमीन लो या बेचो, कोई टेक्स नहीं होगा. बस लेन देन चेक से करना होगा. भू राजस्व अभी मात्र 400 करोड़ रूपये होता है जो आज के युग में कुछ नहीं नही. केवल पटवारी – तहसीलदार से कागज़ काले करवाने की बीमारी है.
यह वर्तमान टेक्स व्यवस्था अंग्रेजों की बनाई हुई है जो बात बात पर जनता के शोषण के लिए टेक्स लेते थे. अब जब अपना शासन है तो काहे की इतनी मारा मारी. टेक्स व्यवस्था सरल मगर प्रभावी होनी चाहिए और इसका सीधा सम्बन्ध जन सुविधाओं से होना चाहिए. पब्लिक को प्रत्यक्ष अहसास होना चाहिए कि उसके दिए टेक्स से उसे क्या क्या मिल रहा है. इसीलिये अभिनव राजस्थान के समय शासन की कर व्यवस्था में उपरोक्त परिवर्तन एक साल बाद में किये जायेंगे. एक साल पब्लिक को छः मुख्य सुविधाएँ – शिक्षा-स्वास्थ्य-बिजली-पानी-सडक-सुरक्षा उत्तम स्तर पर प्रदान करके जनता का विश्वास शासन में बढ़ाया जाएगा. तभी उसे यह शासन ‘अपना’ लगेगा. और जब शासन अपना लगेगा तो जनता शासन को चंदा या टेक्स उसी भाव से देगी जैसे अभी धार्मिक स्थानों या गौशालाओं के लिए देती है.
एक साफ़ सीधे विजन के साथ दृद्ध इच्छा शक्ति और अच्छी नीयत का संगम करने से ही राजस्थान के बाशिंदों का जीवन सरल होगा, समृद्ध होगा. अभिनव राजस्थान उसी स्थिति का नाम है.
वन्दे मातरम् उसी स्थिति में सार्थक होगा.