हमारे ‘अभिनव शासन’ में ग्यारह संभाग होने राजस्थान में.
भौगोलिक-सांस्कृतिक आधार पर. इतिहास को थोड़ा दरकिनार करके.
१. बीकानेर- बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ जिले. (सरस्वती संभाग)
२. जोधपुर- जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर.(मरुधर)
३. पाली- पाली, जालोर, सिरोही (गोडवाड)
४. अजमेर – अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा ( सपालदक्ष)
५. उदयपुर- उदयपुर, राजसमन्द, चित्तौडगढ़ ( आहड)
६. बाँसवाड़ा- बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़.(वागड)
७. कोटा- कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़.(हाड़ौती)
८. सवाई माधोपुर- सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर ( डांग)
९. भरतपुर- भरतपुर, अलवर, दौसा (भ्रतृहरी)
१०. जयपुर- जयपुर, टोंक (आमेर)
११. सीकर- सीकर, झुंझुनूं, चुरू (शेखावटी)
हर संभाग में
१. एक विश्विद्यालय होगा जो सम्पूर्ण उच्च शिक्षा का नियंत्रण करेगा. कक्षा ११ से. साथ ही शोध और अनुसन्धान की व्यवस्था करेगा.
२. एक मेडिकल कॉलेज होगा, जो राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लेश होगा.
३. एक इंजिनीयरिंग कॉलेज होगा जो आई आई टी से कम नहीं होगा.
४. एक पशुपालन, एक कृषि और एक पोलिटेक्निक कॉलेज होगा.
५. एक खेल के लिए और एक शिक्षण प्रशिक्षण के लिए कॉलेज होगा.
इन संस्थाओं में प्रवेश उसी संभाग के विद्यार्थियों को उनकी कक्षा 12 की मेरिट के आधार पार होगा. अन्य संभाग के विद्यार्थी इन संस्थानों में प्रवेश नहीं ले पायेंगे. इससे इतने बड़े प्रदेश में शिक्षा के अवसरों में समानता होगी और गाँव-कस्बे के विद्यार्थियों को भी उच्च शिक्षा में आसानी से अवसर मिलेंगे.
सामान्य कॉलेज पंचायत समिति स्तर पर होंगे. हर पंचायत समिति में एक कॉलेज होगा, जिसमें विज्ञान, वाणिज्य और कला के विषयों का बराबर का हिस्सा होगा. नए जमाने की यही मांग है.
दसवीं की परीक्षा वर्तमान की तरह सम्पूर्ण प्रदेश में एक साथ होगी, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के माध्यम से होगी तथा उसकी मेरिट के आधार पर ही संभागों में उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रवेश मिलेगा. ये उच्च माध्यमिक विद्यालय केवल ऐच्छिक विषय पढायेंगे और इनका नियंत्रण संभागीय विश्विद्यालय के पास होगा.
(केवल मेकाले को कोसने से काम कब तक चलाएंगे. हमें अपनी व्यवस्था वर्तमान समय के अनुसार बनानी होगी)
‘अभिनव राजस्थान’ हम बनकर रहेंगे.
वंदे मातरम !