अभिनव राजस्थान में शासन और समाज का सीधा और सरल सम्बन्ध होगा. समाज के दिए गए टेक्स या कर को 7 मूल सुबिधाओं से सीधे जोड़ दिया जायेगा. शिक्षा, स्वास्थय, पानी-बिजली-सड़क, सफाई और सुरक्षा पर कुल करों का 40 % खर्च होगा. 40 % प्रदेश का उत्पादन बढ़ाने पर खर्च होगा. 20 % अन्य खर्च होंगे. अभी तो पता ही नहीं चल रहा है कि हमें टेक्स देने से मिलता क्या है ! इसलिए कम लोग टेक्स देते हैं. भाव ही नहीं बनता. जैसा किसी मन्दिर या गौशाला के लिए बनता है.
आज अधिकतर को लगता है कि टेक्स देने का क्या मतलब. बच्चों की शिक्षा की सरकारी व्यवस्था बदहाल है, सरकारी अस्पताल बीमार हैं. पानी समय पर आता नहीं, बिजली महंगी है और अच्छी सडक पर गाड़ी चढ़ते ही ‘टोल’ लगता है. गली मोहल्ले सडक गन्दगी से अटे पड़े होते हैं तो पुलिस को देखकर सुरक्षा की जगह असुरक्षा का भाव पैदा होता है. ऐसी व्यवस्था में टेक्स का क्या फायदा ? अभिनव राजस्थान में पुनः Tax और facility का connection बिठा देंगे. तभी समाज टेक्स देने में गर्व महसूस करेगा.
इसके साथ ही हम टेक्स की 40 प्रतिशत राशी से खेती-पशुपालन-उद्योग का उत्पादन बढ़ाने के जतन करेंगे. यह एक तरह का निवेश होगा जो हमें जल्द ही लाभ देने लगेगा और हमारी पूँजी बननी शुरू होगी. हमें राजस्थान के बाजारों और घरों को राजस्थान के उत्पादों से भरना होगा. तब हम एक उपभोक्ता बाजार की जगह उत्पादक प्रदेश बन जायेंगे. हमारे पूंजीपति और कारीगर भी तब चेन्नई और कोलकाता से लौटने लगेंगे. घर वापसी !
20 प्रतिशत कर की राशि हम प्रकृति और संस्कृति को सजाने-संवारने में लगायेंगे. उनके बिना कोई भी विकास स्थाई नहीं होगा, सुन्दर नहीं होगा.
हमारी पूरी योजनाएं तैयार हैं. लेकिन हम पहले इनके पक्ष में जनमत जुटाएंगे. बिना जनमत योजनाएं लागू करने की सजा भारत और राजस्थान ने बहुत भुगत ली है. अब नहीं.
वन्दे मातरम !