'अभिनव राजस्थान' में सरकार में भर्तियाँ एक निश्चित समय में होंगी.
विभागवार और विषयवार होंगी.
RPSC की कोई जरूरत नहीं होगी.
सेवानिवृति जल्दी होगी.
1. सभी विभाग दिसम्बर में सेवानिवृत होने वाले कार्मिकों, अपनी वर्तमान आवश्यकताओं और संसाधनों के अनुसार आवश्यक नए कर्मियों की सूची तैयार कर लेंगे. इसमें वित्त या अन्य किसी विभाग का कोई दखल नहीं होगा. विभाग को आवंटित बजट को ध्यान में रखकर यह काम होगा. हर विभाग को पांच वर्ष में एक बार प्रदेश की कुल आय में से बजट का निश्चित प्रतिशत आवंटित होगा, जिसका इस्तेमाल कर जनता को सेवाएं देनी होंगी.
2. हर विभाग में उन्हीं लोगों को चयनित किया जाएगा जो उस विभाग के विषय की योग्यता रखते होंगे. खान विभाग में हर स्तर पर भूगर्भ विज्ञान या भूगोल के विशेषज्ञ ही चयनित होंगे. वित्त विभाग में केवल कॉमर्स विषय के अभ्यर्थी चुने जायेंगे. चपरासी या ग्रुप डी जैसी पोस्ट किसी भी विभाग में नहीं होगी. कम से कम 12th पास का और ग्रुप सी में ही प्रवेश होगा.
3. प्रवेश की प्रक्रिया केवल मई और जून के महीने में होंगी जब स्कूल-कॉलेज की छुट्टियाँ होंगी. यह सालभर परीक्षाओं का झंझट नहीं होगा. बोर्ड और विश्वविद्यालय की मेरिट(60 %) और साक्षात्कार (40%) ही प्रवेश का आधार होंगे. सभी विभाग अपने स्तर पर समितियां बनाकर प्रवेश देंगे. सभी अधिकारियों पर विश्वास किया जाएगा. यह वर्तमान अविश्वास का माहौल व्यवस्था को गर्त में धकेल रहा है.
4. RPSC या किसी अन्य संस्था की कोई जरूरत नहीं होगी. यह अंग्रेजी समय का संस्थान है जो अब उपयोगी नहीं रह गया है. रही बात निष्पक्षता की तो हम सब इसमें चल रहे खेल से वाकिफ हैं ! इससे नीचा इसका स्तर नहीं गिर सकता कि इसके चेयरमेन खुद अपने रिश्तेदारों को या पैसे देने वालों को पेपर ही उपलब्ध करवा दें. केवल संस्थान बना देने से निष्पक्षता और ईमानदारी नहीं आती है, ईमानदारी तो समाज से आती है. ‘अभिनव समाज’ वह निष्पक्षता देगा.
5. RAS से लेकर पटवारी तक की परीक्षा Revenue Board लेगा, जो भू-प्रबंध का मूल विभागीय शीर्ष है. इनमें प्रवेश केवल Political science और Public Administration पढ़े हुए अभ्यर्थियों को मिलेगा. ये लोग भूमि का प्रबंध और सामान्य प्रशासन ही देखेंगे. अन्य विभागों में दखल नहीं देंगे !
पुलिस में केवल खिलाड़ियों को ही प्रवेश मिलेगा. ताकि आत्मविश्वासी, फिट और टीम भावना वाले योग्य व्यक्ति सुरक्षा के लिए उपलब्ध हों. इनकी भर्ती पुलिस आयोग करेगा, जिसका प्रावधान राजस्थान विधानसभा ने 2007 में ही कर दिया है.
6.. सेवानिवृति की उम्र 50 वर्ष ही होगी. आर्य परम्परा के अनुसार इसके बाद वानप्रस्थ का समय होता है. हम पुनः उसी धारा में लौटेंगे और पचास की उम्र के बाद परिवार की जिम्मेदारियां त्यागकर स्वैच्छिक रूप से समाज और देश के लिए काम करने की प्रवृति पैदा करेंगे. सेवानिवृत लोग अपने अनुभव का इस्तेमाल कर समाज के कई ऐसे काम करेंगे, जिसके लिए शासन को अपने संसाधन नहीं लगाने होंगे. इससे समाज जवान भी हो जाएगा ! शासन की क्षमता और गति भी बढ़ेगी. सेवानिवृत व्यक्ति का जीवन भी समाज के लिए सार्थक हो जाएगा.
‘अभिनव राजस्थान अभियान’
अपने सपनों का राजस्थान बनाने के लिए. अपने हाथों से.
वंदे मातरम !
sir ji bhut mast bate h Aapki
bate
लगभग एक सच्चाई जो अब तक कि जिंदगी में मैने लोगों में देखी है :-
”जब भी मिला मौक़ा नीयत खराब कर ली,
और दूसरों को सच्चाई का रास्ता दिखाते रहे”