इन निकाय चुनावों के तुरन्त बाद नागौर जिले के मेड़ता , डीडवाना और नागौर में हम अभिनव सूचनालय स्थापित कर रहे हैं, जहां पर सभी विभागों के महत्वपूर्ण कार्यों और फैसलों से जुड़े कागज उपलब्ध रहेंगे । हर महीने एक सूचनालय में विभिन्न विभागों के लगभग दो हजार कागजों की प्रतियां सूचना के अधिकार से लेकर रखी जाएंगी । यहां कोई भी नागरिक आकर ‘अपने शासन’ का हाल जान सकेगा । अपने वोट का, अपने टेक्स का हिसाब देख सकेगा. उसे अब पांच वर्ष तक इन्तजार नहीं करना होगा.
यह असली लोकतन्त्र की library होगी । जानकारी की रोशनी में लोकतंत्र जगमगाएगा, विकास की फसल लहलहाएगी । नागौर से भारत में पंचायती शासन की शुरुआत 2 अक्टूबर 1959 में की गई थी । जनता के अपने शासन के उस अधूरे सपने को पूरा करने का काम यहीं से शुरू होगा ।
ये तीनों 2 अक्टूबर से एक साथ प्रारंभ होंगे. बाकायदा कार्यक्रम करके. इनके लिए संसाधन आमजन से जुटाए जायेंगे. और इनकी व्यवस्था एकदम पारदर्शी होगी. जैसी हम सरकारी कार्यालयों से अपेक्षा रखते हैं.
इसके बाद आगे के महीनों में राजस्थान के अन्य जिलों में भी ऐसे सूचनालय खुलेंगे, जिनकी व्यवस्था स्थानीय अभिनव मित्र समूह देखेंगे. हमारा लक्ष्य स्पष्ट है- 2016 तक राजस्थान के कोने कोने में असली लोकतंत्र की गूँज.
वंदे मातरम् तो ऐसे ही होगा.
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