‘अभिनव राजस्थान’ में विकास के छः मंदिर.
जिनमें काम और सेवा ही पूजा होगी. (share)
१. विद्यालय – जहां समर्पित शिक्षक समाज के लिए आवश्यक नागरिकों का निर्माण करेंगे.
२. खेत – जिसमें कर्मठ किसान और वैज्ञानिक मिलकर फसलों का उत्पादन बेहतरीन तकनीक से करेंगे और भारत की प्रकृति का भी सम्मान करेंगे.
३. कुटीर उद्योग – जिनमें हमारे कारीगर और कलाकार आमजन के लिए आवश्यक उत्पादों के साथ ही बड़े उद्योगों के लिए कच्चा माल तैयार करेंगे.
४. स्वास्थ्य केंद्र- जहां पर चिकित्सक सेवाभाव से रात दिन मरीजों की सार संभाल करेंगे ताकि देश का मानव संसाधन ईलाज के अभाव में बेकार न हो जाए और परिवारों को दर्द न झेलने पड़ें.
५. सुरक्षा केंद्र – जहां पर मुस्तेद सुरक्षा अधिकारी प्रत्येक परिवार को जरूरत पड़ने पर सुरक्षा देंगे और क़ानून तोड़ने वालों पर तुरंत कार्रवाई करेंगे.
६. क़ानून केंद्र- जो सरल प्रक्रिया से समाज और देश के क़ानून को लागू करवाएगा.
हम ये बातें मात्र कह नहीं रहे हैं. हम ऐसे राजस्थान और भारत के निर्माण के लिए श्रेष्ठ मार्ग से आगे बढ़ रहे हैं. हम लक्ष्य की ओर सतत बढ़ रहे हैं. पहले जनजागरण और फिर व्यवस्था निर्माण का मार्ग हमने चुना है. जनजागरण के आधार के बिना बनी व्यवस्था से अपनापन नहीं हो पाता है और न ही यह व्यवस्था चलाने की कला और सामर्थ्य पनपते है. विश्व में जो भी व्यवस्थाएं जनजागरण के बिना बनी हैं, वे ढह गई हैं. और भारत में तो अभी केवल सत्ता हस्तान्तरण से अधिक कुछ नहीं हुआ है.
कई बरसों के अध्ययन और विचार विमर्श के बाद ‘अभिनव राजस्थान’ की कार्ययोजना तैयार हो पाई है.
विस्तार से विभिन्न विभागों की हमारी योजना को आप इस वेबसाइट पर ही अलग अलग शीर्षक से देख सकते हैं.
वन्दे मातरम !