अभिनव राजस्थान में यह सब नहीं होगा.
आंगनवाड़ी क्यों ? बच्चों में पोषण की कमी को दूर करने के लिए, क्योंकि आंकडों के हिसाब से भारत के अधिकतर बच्चे कुपोषित हैं. और सरकार उस कुपोषण को अपने स्तर पर दूर करके रहेगी ! माँ बाप के भरोसे यह जिम्मेदारी अब नहीं छोड़ी जा सकती. उनकी जिम्मेदारी केवल बच्चों को पैदा करने की है ! यही नहीं, बच्चे जब स्कूल में जायेंगे तो वहाँ मिड डे मील देंगे. (बाद में उन्हें नरेगा में अडजस्ट करेंगे !)
कोई भी सरकार यह नहीं बता पा रही है कि कुपोषण कितना दूर हुआ. अब भी आंकडे वही हैं जी दस साल पहले थे. मिड डे मील से यह भी कहा गया था कि स्कूलों में बच्चों के आने का आकर्षण बढ़ेगा. यानि बच्चों के स्कूल में आने का आकर्षण भोजन है न कि पढ़ाई ! जैसे किसी समारोह में लोग आयेंगे क्योंकि बढ़िया भोजन मिलेगा !
दोपहर के भोजन के बाद भी सरकारी स्कूल में बच्चे कम हो रहे हैं. बिना भोजन वाली निजी स्कूलों में संख्या बढ़ रही है. यह दिखाई पड़ रहा है साफ, पर नेता को क्या, अफसर को क्या. मजे करो. जनता का माल है.
फिर यह हल्ला गुल्ला क्यों ? क्यों व्यर्थ की बर्बादी का खेल ? एक अराजक व्यवस्था और एक गैर-जिम्मेदार समाज में ऐसे बहुत से नाटक चल रहे हैं. कुछ लोग न्यायपालिका को अपने अधूरे ज्ञान और कुतर्कों से गुमराह कर देते हैं. कोर्ट का हवाला देकर राजनेता हल्ला मचाते हैं. सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में, वोट के चक्कर में. हालांकि न इनसे लोकप्रियता बढ़ती है और न वोट मिलते हैं पर जर्दे या ताश की आदत की तरह गेम चल रहा है.
अभिनव राजस्थान में क्या होगा ? माँ बाप को कहेंगे कि घर में शानदार भोजन बनाओ. बच्चे ही क्यों, आप भी अच्छा भोजन खाओ. पौष्टिक. कैसे ? उनकी आमदनी बढ़ाकर. खेती से, पशुपालन से, कुटीर उद्योग से उत्पादन बढ़ाकर. लेकिन कमाल है कि उत्पदान बढ़ाने की मूल बात राजनेता और अफसर नहीं करते हैं.
हम करेंगे. राजस्थान के हर घर में समृद्धि खिलेगी. अपने दम पर हर परिवार आगे बढ़ेगा. यह ‘कल्याण’ का ढोंग खत्म करेंगे. यह भिखारीपन, यह लंगर बंद करेंगे.
अभिनव राजस्थान,
भारत का सबसे समृद्ध प्रदेश होगा.
तब अन्य प्रदेश भी इस रास्ते पर आगे बढ़ेंगे. भारत आगे बढ़ेगा. पहली बार. सदियों के बाद.
वंदे मातरम !
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