अभिनव राजस्थान की माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 6 से 10 )
नौ क्षेत्रों पर होगा जोर.
सरल शब्दों में, step by step होगा प्रभावी शिक्षण.
क्योंकि शिक्षा का मूल उद्धेश्य समाज के लिए वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार वांछित नागरिक तैयार करना है.
1. मानवता– एक श्रेष्ठ मानव बनने के लिए किन मूल्यों पर खरा उतरना है ? विद्यार्थी को मानव होने का अर्थ और उद्धेश्य समझाया जायेगा. इस सम्बन्ध में विश्व में अवतरित हुए महापुरुषों के ज्ञान से उन्हें सरल शब्दों में परिचित करवाया जायेगा. इसी से बालक में विलक्षण बनने का भाव जगेगा.
2. सामाजिकता – सामाजिक संबंधों को बेहतरीन तरीके से कैसे निभाना है ? विद्यार्थी को रिश्तों की गहराई में छुपे सामाजिक और मनोवैज्ञानिक तथ्यों से बारे में अवगत करवाया जाएगा. समाज में तनाव को कम करना होगा और उसे आनंद से भरना होगा. समाज को समृद्ध करना होगा.
3. नागरिकता – अपने देश की शासन व्यवस्था पर कैसे नियंत्रण रखना है ? शासन के सामान्य नियम और कार्यप्रणाली प्रत्येक विद्यार्थी को पता होगी. तभी शासन के निरंकुश होने की संभावना कम होगी और लोकतंत्र मजबूत होगा. तभी विकास की गति और दिशा सही बनी रहेगी.
4. व्यवसायिकता – जीवन और परिवार चलाने के लिए कौनसा व्यवसाय चुनना है ? इसके चुनाव की भूमिका इसी अवस्था में तैयार हो जानी चाहिए. अभिरूचि के अनुसार व्यवसाय का सम्बन्ध बनता है तो जीवन में समन्वय रहता है. कक्षा दस के बाद उसी के अनुरूप ज्ञान और जानकारी दी जायेगी.
5. पर्यावरण – पृथ्वी और सृष्टि को समृद्ध कैसे बनाना है ? पृथ्वी सुन्दर बने और वातावरण शुद्ध बने, इसके लिए हमें मानव जीवन में किन कार्यों को करना है और किन कार्यों को नहीं करना है, इसका भान बचपन से ही हो जाना चाहिए.
6. संस्कृति – अपनी संस्कृति के श्रेष्ठ मूल्यों को कैसे बचाना है और कैसे बढ़ाना है ? यह हमारी साझी संपत्ति है, जो सदियों से शहद की तरह संजोई गई है. साथ ही हमारे संस्कारों और परम्पराओं की अपनी वैज्ञानिकता है. विद्यार्थी को इनका महत्त्व पता होगा तो वह सहज भाव से उनको अपनाएगा.
7. कला – एक न एक कला की साधना प्रत्येक विद्यार्थी को करनी होगी. अपनी अभिरूचि से वह इसे चुनेगा. कला मानव जीवन का श्रृंगार करती है. संगीत, नाट्य, चित्र, मूर्ति आदि से जुड़ी किसी एक कला को जानना और साधना अभिनव शिक्षा का अंग होगा.
8. खेल – खेल के माध्यम से कई उद्धेश्य पूरे होते हैं. स्वास्थ्य के साथ साथ एकाग्रता, अनुशासन और आत्मविश्वास भी खेल के मैदान से आता है. मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है. तनाव कम होता है. अभिनव शिक्षा में खेल को भी अन्य विषयों की तरह गंभीरता से निखारा जाएगा.
9. स्वास्थ्य – आत्मा के घर यानि शरीर को संभालकर रखे बिना ऊपर की अन्य बातों पर खरा उतरना असंभव हो जाता है. स्वास्थ्य से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी माध्यमिक शिक्षा में विद्यार्थी को सजग कर दिया जाएगा.
इन सभी विषयों को अभिनव माध्यमिक शिक्षा में मुख्य विषयों की तरह रखा जाएगा न कि ऐच्छिक विषयों की तरह. कि जिनको पढ़ना है पढ़ें या कि इनके नंबर नहीं जुडेंगे. इन्हें हल्के में नहीं लिया जाएगा. और इसके लिए शिक्षकों का सघन प्रशिक्षण भी करवाया जाएगा. यह तय कि प्रशिक्षित होते हुए शिक्षक प्रशिक्षण के दौर में ही बदल जायेंगे क्योंकि इन विषयों की बातों का उनके जीवन पर भी गजब का असर होगा.
अभिनव राजस्थान में दसवीं पास विद्यार्थी अपने आगे के जीवन की दिशा और उद्धेश्य चुनने को तैयार होगा.
मेकाले क्या कर गए, उसकी चिंता या आलोचना से कुछ हासिल नहीं होगा. वह गैर-जिम्मेदाराना बहस अब रोकनी है. अब हमें हमारे समाज और देश के हित में अपनी अनुपम शिक्षा व्यवस्था की रचना करनी होगी, उसके लिए जनमत बनाना होगा. हमें ही करनी है. जागरूक नागरिकों को. वर्तमान भारत का कोई नेता या अफसर यह नहीं कर पायेगा और वह यह करेगा भी नहीं. करने का नाटक करेगा या केवल हवा मारेगा.
लेकिन मित्रों, यह काम आसान नहीं है. काफी मेहनत और लगन से होगा. अभिनव राजस्थान में यही होना है. अभिनव राजस्थान और अभिनव भारत हम बनाकर रहेंगे. भारत और इस सृष्टि को बचाने का दूसरा कोई मार्ग नजर नहीं आता है.
वंदे मातरम् !
(अभिनव मित्रों को हमेशा ध्यान रहे कि अभिनव राजस्थान अभियान केवल RTI तक सीमित नहीं है. RTI तो व्यवस्था को जानने का एक माध्यम है, साधन है. हमारा लक्ष्य अभिनव राजस्थान का निर्माण है.)
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