अभिनव राजस्थान में पर्यटन का अलग रंग होगा.
राजस्थान का हर जिला भारत के एक प्रदेश से जुड़ेगा तो हर जिला दुनिया के किसी एक देश से सीधे जुड़ेगा.
हर महीने जिले के सौ लोगों को देश में और पचास लोगों को विदेश में भेजा जायेगा.
जालोर के हरि बाबा और बिदामी काकी मणिपुर घूमकर आयेंगे, सरकारी खर्च से तो बाँसवाड़ा के भीखा भाई और रमकू देवी ऑस्ट्रेलिया घूमकर आयेंगे. अपने शासन में.
यह क्या बात हुई कि विदेश केवल राजनेता और अफसर ही जायेंगे ?
इसका पैसा कहाँ से आयेगा ? यह तो ‘विद्वान’ अफसर और चाटुकार बुद्धिजीवी पूछेंगे ही !
तो भाई, अभी जो चुने हुए राज रानी घूमते हैं, उनका हिसाब पूछा है कभी ?
ये अरबों रूपये योजनाओं के नाम से हवा में उड़ा रहे हैं, उनका हिसाब पूछा है कभी ?
जायेंगे ये आम लोग दुनिया देखने. क्योंकि अब इनका अपना शासन होगा.
फिर भी हम जिम्मेदार और पारदर्शी शासन में होंगे तो बता दें कि इस धन की व्यवस्था पर्यटन विभाग करेगा और इसका फायदा यह होगा कि राजस्थान के लोगों का मिजाज बदलेगा. दुनिया देखना जरूरी है. कोई किसान हॉलैंड या कनाडा में खेती देखकर आयेगा तो उसका मन बदेलगा. कोई कारीगर चीन या जापान हो आयेगा तो उसका जूनून अलग ही होगा. विकास की दृष्टि विकसित होगी. ये लोग समाज को नए अनुभवों से भरेंगे.समाज की जड़ता ख़त्म होगी.
चयन कैसे होगा ? Randomly. Transparently.