विश्व का सबसे कठिन नृत्य – मारवाड़ की गैर.
विश्व का सबसे कठिन गान- तेजा गान.
विश्व का सबसे कठिन वाद्य- नड.
राजस्थान के पास अद्भुत कलाओं का खजाना है.
बस हम ही विश्वास खो बैठे हैं.
अभिनव राजस्थान इन विधाओं को सहेज कर रखेगा.
राजस्थान की कला और संस्कृति को विश्व में अभिनव ढंग से स्थापित करेगा.
लाखेटा बाड़मेर में होली पर जो गैर होती है, उसमें नर्तक पैरों में आठ आठ किलो की रमझोल पहनते हैं ! फिर एक बड़ी आंगी शरीर पर धारण करते हैं, जो 40-45 फीट के घेरे वाली होती है. नाच के दौरान फैलती है तो बड़े से टेंट जैसी हो जाती है. आठ आठ किलो के घुँघरू और यह भारी भरकम आंगी. फिर लय के साथ घंटों तक डांस. कितना दम चाहिए. विश्व के किसी भी भाग के लोग इसके बारे में सोच भी नहीं सकते.
ऐसे ही तेजा गान, जो मारवाड़ में गाया जाता है, बहुत मुश्किल होता है. सांस पर नियंत्रण करके गाते गायक को देखो तो जैसे गायक अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा को गाने में लगा देता है. इतनी तेज आवाज कि जिसे बिना किसी साउंड सिस्टम के इसे एक किमी दूर तक सुना जा सकता है.
नड जैसलमेर का एक बहुत लंबा सा वाद्य है, जिसे फूंक से बजाया जाता है. गजब की ताकत चाहिए, सांस को रोककर इतने लम्बे वाद्य को बजाना बहुत मुश्किल होता है. कभी करणा भील इसे बजाने के लिए प्रसिद्द थे. अब शायद ही कोई इसे बजा पाता है.
राजस्थान के कण कण में देवप्रिय संगीत रहा है और आज भी उसके अंश बचे हैं. अभिनव राजस्थान में हम सभी कलाओं को बचाने और बढ़ाने का कार्य बड़े पैमाने पर करेंगे. तभी समृद्धि के साथ सुन्दरता का संगम होगा. तभी विश्व को एक देवभूमि के दर्शन हो पाएंगे.
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