अपने घर परिवार में ब्याह या अन्य कोई समारोह हो तो कार्ड उनको ही दें जो
1. आपके पहली-दूसरी पीढ़ी के नजदीकी रिश्तेदार हैं. (सौ मेहमान अधिकतम)
2. आपके मोहल्ले में रहते हैं. (सौ मेहमान अधिकतम )
3. आपके ऐसे मित्र हैं, जो आपके दुःख दर्द में शरीक होते हैं, अस्पताल में बीमार हों तो आपसे मिलने आते हैं, आर्थिक तंगी में सहयोग करते हैं या आप पर कोई अत्याचार हो तो साथ देते हैं. (ईश्वर न करे कि ऐसा हो पर मानवीय जीवन में यह सब कभी कभार हो ही जाता है.)
4. आपके परिवार में आपके अलावा अन्य सदस्यों को भी जानते हों और आप भी उनके घर में उनके परिवार में अन्य सदस्यों से परिचित हों. आपका उसके और उसका आपके घर आना-जाना-खाना होता रहता ही. आपके घर का पता पूछते आये, उसको क्या बुलाना !
5. समारोह में कोई जिम्मेदारी लेने की स्थिति में हों. भागते भागते न आये और जाए ! समय भी दे. प्रीतिभोज के समय के अलावा भी कार्ड में कुछ पढ़े !
मेहमान का मान कम न हो पर उसकी पहचान भी हो, कि वह इसके लायक है कि नहीं. जो आड़े दिन में अपना नहीं, उसे एक दिन चिपकाने से क्या. जीमाणों तो पड़े ही, लोगां ने मौका पर बुलाणा तो पड़े ही ! जीमाओ, बुलाओ पर ओलखो तो सही. फिर जीमाणे की जिद है तो जिनावारां ने जिमाओ, राजी हुसी आर कालजा सूं आशीष देसी.
केवल जीमने वाली भीड़ जमा न करें, हर पहचान वाले को कार्ड देते न फिरें. मतलबी लोगों में समय खराब न करें. पारिवारिक समारोह को सार्वजनिक बनाने में, झूठी शान में कमाई न फूंकें. किसी ने कभी कार्ड पहले दे भी दिया है तो वह उधार चुकाने के चक्कर में न पड़ें. बीमारी जिस जगह रुक जाये अच्छा है. डरिये नहीं, आपके बच्चों की सगाई जीमाने से नहीं होगी, उनकी योग्यता से होगी ! आपसे लोग छिटकेंगे भी नहीं अगर आपके पास जीवनयापन का सामान होगा. आपकी इज्जत भी कम नहीं होगी, इज्जत भीड़ को जीमाने से नहीं बढती है. यह बढती है- परिवार की सफलता से, योग्यता से.
कम लोग हों, अपने लोग हों, नाचें-गायें, नीचे बैठकर परोसा भोजन करें, इसी में समारोह की गरिमा है.
कम खर्च, अधिक सम्मान के साथ सार्थक समारोह हों तो वह समाज ही अभिनव समाज होगा. समारोह की size छोटी होते ही पूँजी बचने लगेगी, बनने लगेगी. परिवार और प्रदेश, दोनों आगे बढ़ने लगेंगे.
ऐसे अभिनव समाज से ही अभिनव राजस्थान की जमीन तैयार होगी.
जीमने जीमाने में भाग रही भीड़ से अभिनव राजस्थान नहीं बनेगा ! वे लोग तो राजनीति के तमाशे के लिए कच्चा माल हैं, लोकनीति के लिए नहीं.
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(आप ऐसा कर सकें या कोई और कर सके तो बताइयेगा, मार्केटिंग हमारी जिम्मेदारी.)
डॉ.अशोक चौधरी, अभिनव राजस्थान अभियान के लिए.
Good and great thinking