आधुनिक राजस्थान के निर्माण में जिन्होंने अपना जीवन वर दिया.
उन्हें भी तो याद करेगा- ‘अभिनव राजस्थान’ (share)
कुछ नाम बताता हूँ- अर्जुन लाल सेठी, विजयसिंह पथिक, केसरी सिंह बारहट, ठाकुर गोपाल सिंह खरवा, जयनारायण व्यास, सागरमल गोपा, माणिक्यलाल वर्मा, कुम्भाराम आर्य, गोकुलभाई भट्, मोतीलाल तेजावत और गोविन्द्गुरु. एक एक व्यक्ति का जीवन पढेंगे तो पायेंगे कि हम कितने स्वार्थी हैं कि इन महापुरुषों के योगदान को याद करना तो दूर, उसे कभी ठीक से रेखांकित भी नहीं कर पाए हैं. राजस्थान के इतिहास में चलते-चलते इन तपस्वियों का जिक्र करके जैसे औपचारिकता पूरी की जाती है.
मैंने अपनी पुस्तक ‘रोचक राजस्थान’ में उपरोक्त सभी महापुरुषों पर विस्तार से लिखा है. मैं तो मानता हूँ कि पथिक जी ने ही ‘राजस्थान’ शब्द को सही मायने में गढ़ा है. उनके दिमाग की उपज बने ‘राजस्थान सेवा संघ’ की भूमिका यहाँ राष्ट्रीय स्तर पर कौंग्रेस से किसी भी तरह कम नहीं थी. पथिक जी ने ही केसरीसिंह बारहट और अर्जुनलाल सेठी के साथ मिलकर राजस्थान में भी स्वतंत्रता के आन्दोलन को हवा दी थी. स्वयं महात्मा गांधी ने पथिक जी को अपने से भी बड़ा सत्याग्रही माना था. उनके अनुसार- others are talkers, but Pathik is a worker.
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अभिनव राजस्थान’ में इन सभी महापुरुषों के योगदान को पूरा सम्मान दिया जाएगा और राजस्थान के प्रत्येक नागरिक तक उनकी कहानी को पहुंचाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जायेगी.
‘अभिनव राजस्थान अभियान’
राजस्थान की सही पहचान का अभियान.
वन्दे मातरम !