अब तक अभिनव राजस्थान अभियान की यात्रा. क्या पाया, कितना पाया, कहाँ पहुंचे ? एक संक्षिप्त विवरण. मित्रों के लिए और शुभचिंतकों के लिए. ताकि तसल्ली हो. आलोचकों के लिए भी. (निंदकों के लिए नहीं !)
2010 में हमने अभिनव राजस्थान पुस्तक का पहला संस्करण लिखा था. 2011 में हमने पहला सम्मेलन किया था. 2012 में दूसरा सम्मलेन किया. 2014-15 में हमने राजस्थान के विभिन्न शहरों में सम्मेलन किये. जयपुर से जोधपुर तक. इस दौरान हमने राजस्थान के हर जिले का भ्रमण भी किया और राजस्थान को एक इकाई के रूप में जानने का हरसंभव प्रयास किया. हमें समस्याओं का अध्ययन तो किया पर संभावित समाधानों पर ज्यादा ध्यान दिया.
पिछले दो वर्षों में हमारे साथियों ने सूचना के अधिकार का व्यापक प्रयोग करके वर्तमान व्यवस्था और उसके संचालन को जानने का प्रयास किया. इस अधिकार के आने के बाद भारत में पहली बार इसका उपयोग उस ढंग से और उस उद्धेश्य के लिए किया गया, जिसके लिए यह अधिकार भारत की संसद ने दिया था. यह एक संगठित प्रयास भी था, जिसका व्यापक प्रचार हमें सोशल मीडिया से किया. हमने चुपचाप संदिग्ध शैली में काम नहीं किया क्योंकि हम चाहते थे कि हमारी नीयत पर चुप रहने के कारण कोई शक न हो.
मित्रों के इन प्रयासों का अधिकारी भी सम्मान करने लगे और मित्रगण अधिकारियों के साथ संवाद खुलकर करने लगे. कई मित्र सूचनाओं को लेकर न्यायलय न्यायालय में गए हैं तो कईयों ने पत्र व्यवहार की अनूठी शैली से मशीनरी को हिलाया है. पुलिस एक्ट के तहत राजस्थान में जवाबदेही समितियां बनाने में अभियान का बड़ा योगदान है तो सूचना के अधिकार को नई धार भी मित्रों ने दी है. राजस्थान में जागरूकता का यह पहला सार्थक प्रयास साबित हुआ है. सक्रिय मित्रों ने गजब काम किया है. अभियान में विश्वास से, और आत्मविश्वास से. सक्रिय काम करने वाले मित्रों के अलावा अभी तक लगभग 10 हजार से अधिक शुभचिंतक भी अभियान के समर्थक बन चुके हैं. संख्या रोज बढ़ती जा रही है. हालाँकि हम संख्या बढाने के लिए सस्ते-हल्के रास्तों से बचते हैं.
लेकिन हम धरने प्रदर्शन से दूर रहे हैं, रहेंगे. छद्म अवतारवाद से बचे हैं, और बचेंगे. हम शासन को अपना मानकर व्यवहार करते रहे हैं और करते रहेंगे. हमें समाज को बाँटना नहीं है, जोड़ना है. हमें टुकड़ों टुकड़ों में नहीं, बल्कि समाज को समग्रता में देखना है. हो सकता है कि इस विधि के कारण कुछ मित्रों और आलोचकों को अभियान की गति धीमी लगी हो या चमत्कार नहीं दिखे हैं ! हम जल्दी में नहीं हैं क्योंकि हमें एक सकारात्मक कार्य करना है. समाज, प्रदेश और देश को आगे बढाने का. उसके लिए धैर्य और सूझ से चलना होता है.
यह हमारे अभियान का पहला चरण चल रहा है- जागरूकता का. अब हम दूसरे चरण यानि संगठन की ओर बढ़ रहे हैं. इसी 25 दिसम्बर को अभियान के सम्मेलन में हमारी राजस्थान को लेकर स्पष्ट और विस्तृत योजना, एक पुस्तक के रूप में आमजन के सामने रखी जाएगी. इस योजना के समर्थन में जनजागरण के लिए एक खुला खुला सा संगठन बनेगा जिसकी इकाई पांच मित्रों का समूह होगा. पूरे प्रदेश में ये समूह 2017 में अनूठे अंदाज में, कम समय और कम धन खर्च करके अभिनव राजस्थान के पक्ष में व्यापक जनजागरण करेंगे. 2018 में राजस्थान का चुनाव ‘अभिनव राजस्थान’ के मुद्दों पर होगा, न कि ‘राज’ की अदला बदली के लिए. 2020 में हमको ‘अभिनव राजस्थान’ के दर्शन करने हैं. स्पष्ट लक्ष्य है.
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