‘अभिनव सन्देश’
अब राजस्थान में जनता का सीधा शासन होगा, 25 जून से.
नागौर जिले से शुरुआत होगी, इस अभियान की. सम्मेलन के माध्यम से.
एक साथ दो सौ आवेदन होंगे सूचना के अधिकार से . हर विभाग का काम और उसकी प्रगति जानने के लिए .
भारत की संसद की उस भावना का सम्मान करते हुए, जो सूचना के अधिकार अधिनियम को पारित करते हुए व्यक्त की गई थी. संसद ने 2005 में कहा था कि नागरिक अपने शासन को पारदर्शी और जवाबदेही बनाने में सहयोग करें क्योंकि जनप्रतिनिधि और अफसर अकेले अपने दम पर यह काम नहीं कर सकते हैं, देश बहुत बड़ा है.
संसद के उस पवित्र भाव को हमें बारह वर्ष के बाद ही सही, धरातल पर उतारना है. हालांकि संसद ने यह भी कहा था कि सभी विभाग इस अधिनियम के पारित होने के चार महीने के भीतर अपनी सभी महत्वपूर्ण सूचनाएं अपनी वेबसाइट पर डाल दें ताकि सूचना के लिए आवेदन ही न करना पड़े (धारा 4) पर पारदर्शिता अभी भी शायद जनप्रतिनिधियों और अफसरों को रास नहीं आ रही है. वे अपना काम करें या न करें, हम अपना काम कर लें, क्योंकि शासन असल में हमारा यानि जनता का है. हम अपनी दुकान को अँधेरे और धूल में डूबी क्यों रहने दें ?
अभिनव राजस्थान अभियान के इस यज्ञ में एक एक जागरूक नागरिक सूचना के अधिकार से एक आवेदन करेगा, शासन की किसी एक व्यवस्था, एक योजना, एक कार्य को जानने, समझने के लिए. एक आवेदन उसे तैयार मिलेगा, जो उसे अपने खर्च पर करना है- दस-बीस-सौ रूपये का सवाल है बस. इस आवेदन के साथ उसे एक कागज मिलेगा, जिसमें लिखा होगा कि इस सूचना का व्यापक जनहित में क्या अर्थ है. उसे यह भी बताया जाएगा कि सूचना न मिलने या मिलने पर उसे आगे क्या करना है. एक नागरिक – एक सूचना का हिसाब होगा. लगभग दो सौ प्रकार के आवेदन होंगे. मित्र कोई भी आवेदन चुन सकते हैं, अपनी ईच्छा और जिज्ञासा से.
अन्य जिलों के मित्र भी उसी दिन या उसके बाद अपनी अपनी सुविधा से अपने यहाँ ऐसे आवेदन के यज्ञों का आयोजन करेंगे. ये यज्ञ ही निराशा के अन्धकार को भगायेंगे. ये यज्ञ ही असली विकास को धरातल पर उतारेंगे. (आवेदनों का सेट उन्हें मिल जायेगा.)
सभी आवेदन विभागवार हमारी वेबसाइट पर होंगे और प्राप्त सूचनाएं भी यहीं संकलित की जाएँगी ताकि राजस्थान का कोई भी नागरिक ‘अपने’ शासन के हाल जान सके. प्रत्येक साथी के प्रयास को भी वेबसाइट पर दिखाया जायेगा कि किसने क्या किया. ये साथी भविष्य में असली लोकतंत्र के सेनानी कहलायेंगे. संगठित रूप से आवेदन करने से न आवेदनकर्ताओं में भय और भ्रम रहेगा और न अधिकारियों में, क्योंकि व्यापक जनहित इस अभियान में झलकेगा.
अभिनव राजस्थान अभियान के मिशन 2017 के तहत यह कार्यक्रम छः महीने तक चलेगा और उसके बाद दिसंबर में इसकी समीक्षा बड़े सम्मेलन में जयपुर में होगी.
संभवतः भारत में यह पहली बार होगा कि सैकड़ों नागरिक संगठित रूप से सूचना के अधिकार का उपयोग करेंगे, संगठित रूप से, मूल भाव से और सकारात्मकता से.
असली लोकतंत्र और असली विकास के लिए,
आपां नहीं तो कुण ? आज नहीं तो कद ? के जिम्मेदार नारे के साथ.
छद्म अवतारवाद से दूर, अपने आप में विश्वास के साथ.
(25 जून को नागौर में मिलते हैं. उसी धरती पर जहां 2 अक्टूबर 1959 को इस उम्मीद से पंचायती राज व्यवस्था का उद्घाटन भारत के लिए हुआ था कि लोग अपने शासन को खुद स्थानीय स्तर पर संभल लेंगे. ऐसा नहीं हुआ तो कोई बात नहीं, अब कर देते हैं. जब जगे तब सवेरा !)
Oh god I Cannot believe I have just read this. Please take advice from content writers before writing. Looks like it’s a page of some people who live dream life nothing towards reality. No action mode whatsoever. It’s a humble request to be on reality grounds and don’t add on rubbish stuffs on internet.