मित्रों,
एक आवश्यक सूचना.
आपमें से अधिकतर मित्र काफी लंबे समय से अभिनव राजस्थान अभियान के बारे में पढ़ रहे हैं, लिख रहे हैं. इसे जान रहे हैं और इसके कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं. अब यह स्पष्ट हो गया होगा कि हमें अपने सपनों का राजस्थान-अभिनव राजस्थान, अपने हाथों से बनाना है. और इसके लिए हमें अपना कुछ समय, कुछ ऊर्जा और कुछ पैसा लगाना होगा.
हमने इसकी प्रक्रिया को बहुत सरल बनाया है ताकि कोई भी मित्र अपना रूटीन जीवन जीते हुए यह काम आसानी से कर सकता है. अपने घर पर रहकर, अपने हाथ से पैसा खर्च करके. महीने में एक-दो दिन और सौ दो सौ रूपये खर्च करके. समाज और देश के लिए.
आपको अपने जिले के किसी एक विभाग के कार्य को समझना है. यानि एक सजग नागरिक बनना है. समझने के बाद व्यवस्था में सुधार के लिए सलीके से पत्र व्यवहार करना है.हमारा लक्ष्य है कि इस अप्रैल से मार्च तक केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं को धरातल पर लागू करवाने में हम कामयाब हो जाएँ. लोकतंत्र इसी को कहते हैं. अगले वर्ष हम इस आधार पर नीतियों और योजनाओं की समीक्षा करेंगे. उसके अगले वर्ष हम अपने अनुभव और अध्ययन के आधार पर जनता के सामने अपना एजेंडा रखेंगे और उसके पक्ष में व्यापक जनमत जुटाएंगे. तीन वर्षों में राजस्थान से राजनीति को विदा कर लोकनीति की स्थापना करनी है.
अगर आपका मन करता है तो ही यह काम करें. अगर आपको लगता है आप यह काम किसी काल्पनिक मजबूरी के कारण, काल्पनिक डर से या अरूचि या बौद्धिक अहंकार के कारण नहीं कर सकते तो अपनी मस्ती में रहें. आपसे कोई शिकायत नहीं. लेकिन अब हमारा पूरा ध्यान एक साल के लिए केवल उन सक्रिय मित्रों पर लगाएंगे, जो इस काम में जुटेंगे. शेष मित्रों को हमारी शुभकामनाएँ कि वे अपने जीवन को अपने ढंग से जी पायें.
आज से ही हम एक एक कर विभिन्न जिलों की टीमें बनायेंगे, उनके नाम घोषित करेंगे. जिन मित्रों को लगता है कि वे यह काम कर पायेंगे, वे अपना नाम, विभाग और फोन नंबर कमेन्ट बॉक्स या मेसेज बॉक्स में भेजें. हम आपके लिए आवेदन ड्राफ्ट करेंगे और आपके द्वारा हासिल सूचनाओं की व्याख्या में सहयोग करेंगे.
14 जून के अजमेर समागम में भाग लेने वाले मित्रों के नाम पहले ही घोषित होंगे.
सब कुछ systematic !
Registrartion से लेकर बैठक के निर्णयात्मक प्रस्ताव तक.
यह बैठक राजस्थान की जन संसद की तरह होगी.
पिछले वर्ष के सरकार के विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा होगी.
और इस साल चाल पर भी स्पष्ट बात होगी.
लोकतंत्र की आवाज राजस्थान के बीच से गूंजेगी.
जयपुर और जोधपुर के सम्मेलन अभियान के परिचय के लिए थे. अब एक्शन होगा. आमजन द्वारा महसूस किया जाने वाला एक्शन. पोजिटिव.
वंदे मातरम !