आने वाले दिनों में हम राजस्थान के प्रत्येक जिले में एक कस्बे में अभियान को औपचारिक रूप से शुरू करेंगे. कस्बे का चयन करने के हमारे अपने विशेष कारण रहेंगे. फिर आगे अन्य कस्बों को भी अभियान से जोड़ देंगे. अभी बड़े शहरों या जिला मुख्यालयों को अभियान में शामिल नहीं किया जाएगा. उनमें अगले चरण में काम करेंगे. हम यह मानते हैं कि कस्बों का अपना एक सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अंदाज होता है, जीने का. वहीं ये कस्बे हमारे लिए गांव और शहर की कड़ी के रूप में भी काम करते हैं. और राजस्थान के कस्बे तो निराले ही हैं. कोई न कोई उद्योग या व्यापार इनमें फला है. उस दौर में जब राजस्थान विश्व के आर्थिक नक़्शे पर प्रमुखता से जमा हुआ था. प्रत्येक कस्बे की कई और भी विशिष्टताएं हैं. ये हमारे गौरवशाली अतीत के साक्षी हैं. और ये हमारे भविष्य की उम्मीद भी हैं. इसलिए हमारा ध्यान इन कस्बों पर अधिक रहेगा. इस दृष्टि से आप ‘अभिनव राजस्थान अभियान’ को कस्बों की क्रांति भी कह सकते हैं.
जिन कस्बों (शहरों) में हमारा काम करने का इरादा है, उनके नाम इस प्रकार हैं-
1. पोकरण (जैसलमेर) 2. फलौदी ( जोधपुर) 3. लूणकरणसर (बीकानेर) 4. सूरतगढ़ (गंगानगर) 5. नोहर (हनुमान गढ़) 6. सुजानगढ़ (चुरू) 7. चिडावा (झुंझुनूं) 8. श्री माधोपुर ( सीकर) 9. फालना (पाली) 10. बालोतरा (बाड़मेर) 11. भीनमाल (जालोर) 12. आबूरोड (सिरोही) 13. सलूम्बर ( उदयपुर) 14. सागवाडा (डूंगरपुर). 15. कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) 16.छोटी सादडी (प्रतापगढ़) 17. निम्बाहेडा (चित्तौडगढ़) 18.शाहपुरा (भीलवाडा) 19.नाथद्वारा (राजसमन्द) 20.केकडी (अजमेर) 21. देवली (टोंक) 22. डाबी ( बूंदी) 23.सांगोद (कोटा) 24.भवानी मंडी (झालावाड) 25.छबडा (बारां) 26.गंगापुर सिटी (सवाई माधोपुर) 27.हिंडौन ( करौली) 28. बाड़ी (धौलपुर) 29. डीग (भरतपुर) 30. राजगढ़ (अलवर) 31. लालसोट (दौसा) 32.फुलेरा (जयपुर) 33. मेड़ता शहर, कुचामन शहर एवं डीडवाना (नागौर).
फिलहाल 12 जनवरी को नागौर जिले के कुचामन शहर में विवेकानंद जी के जन्म दिन पर ‘अभिनव राजस्थान अभियान’ का कार्यक्रम है. उसके बाद 13 जनवरी को डीडवाना में कार्यक्रम तय है. अन्य शहरों में ज्यों ज्यों मित्रों से बात होती जायेगी, कार्यक्रम होते जायेंगे.