सच हो जाए तो……? (share)
कल मैं सोच रहा था कि अगर अपने 1100 मित्र जयपुर के समागम में पहुँच जाएँ और पांच घंटे में हम राजस्थान की जनता के सामने अपना विजन रख दें, अपनी आगे की एक साल की रणनीति बता दें तो क्या हो जाएगा ? चमत्कार हो जाएगा. क्योंकि इस तरह राजस्थान को संभालने का सकारात्मक भाव अपना असर जरूर दिखाएगा. पहली बार कोई जिम्मेदार और जागरूक समूह ‘अपने राजस्थान’ के विकास के लिए बोलेगा. यह समूह किसी का विरोध करने के लिए नहीं होगा बल्कि मजबूत राजस्थान और भारत के पक्ष में अपना मत देगा और अपनी जिम्मेदारी की बात कहेगा.
हम राजस्थान के असली विकास के लिए अपने प्लान के लिए जनमत बनायेंगे. एक स्पष्ट, सरल मगर व्यवहारिक प्लान, एक कार्ययोजना जिसे आसानी से लागू किया जा सके और जिसके लागू होने पर समाज को असर अपनी गली-मोहल्ले में, अपने घर में दिखाई दे. और जब हम जिम्मेदारी से, प्रभावी ढंग से, तथ्यों के साथ अपनी बात रखेंगे तो उसे अवॉयड करना शासन के बस में नहीं होगा.
अपनी सूची में अब पांच हजार मित्र हैं. इसमें से एक हजार को कई कारणों से छोड़ दें तो बाकी चार हजार गंभीर हैं. लगभग सभी सक्षम हैं. एक दिन के लिए जयपुर जाना कोई बड़ी बात नहीं है उनके लिए.
लेकिन वे क्यों कर यह जहमत उठाएंगे ? इसलिए उठाएंगे कि उन्हें हमारी नीयत पर विश्वास है, उन्हें अपने आप पर विश्वास है और इसलिए कि वे पिछले दो-तीन बरसों से हमारी एक एक गतिविधि को बारीकी से देख रहे हैं. ‘अभिनव नागौर’ का प्रयोग अब जमने लगा है और आने वाले तीन महीनों में यह और भी कई परिवर्तनों का साक्षी बनेगा.
लेकिन इतने लोगों की आवश्यकता क्यों ? क्योंकि एक respectable number माहौल बनाने के लिए चाहिए. भारतीय जनमानस में संख्या का महत्त्व है. बड़ी भीड़ न हो पर एकदम दो-पांच भी न लगें !
सफल समागम के बाद हमारे मित्र गर्व से कह सकेंगे कि हाँ, इस सब में हम सभी का बराबर का योगदान है. वे कह सकेंगे कि हमने वोट से आगे बढ़कर लोकतंत्र की स्थापना का अनुपम प्रयास किया है.
मित्रों, कोशिश करिए कि यह हमारा स्वप्न इस नवम्बर के आख़िरी दिन पूरा हो जाए. मैं विश्वास दिलाता हूँ कि उस दिन का अनुभव हमारे जीवन में एक निर्णायक मोड़ साबित होगा. और वैसे भी एक दिन के लिए जयपुर में होना कोई बड़ी बात भी नहीं है, रूटीन में. पर उस दिन जयपुर में होना वाकई में बड़ी बात होगी.
अपने मित्र समूहों को अभी से इस समागम के लिए मानसिक रूप से तैयार कर लीजिये.
आपां नहीं तो कुण ? आज नहीं तो कद ?
‘अभिनव राजस्थान अभियान’
अपने हाथों से मजबूत राजस्थान और भारत के निर्माण में सहयोग.
वन्दे मातरम !