(धारणाएं बदलें ताकि समाधान निकले) गलत धारणा- राजस्थान में ‘पानी की कमी’ विकास में बड़ी बाधा है. सही धारणा- ‘राजस्थान में पानी के प्रबंध की कमी’ विकास में बड़ी बाधा है. बरसों से इस गलत धारणा से निराशा फैलाई जा रही है कि राजस्थान में कम पानी है. इसलिए खेती …
विस्तार से पढ़े»खेजड़ी इस धरती का सबसे प्यारा वृक्ष है ! सर्वगुण संपन्न.
खेजड़ी इस धरती का सबसे प्यारा वृक्ष है ! सर्वगुण संपन्न. और हमें गर्व है कि यह राजस्थान की जलवायु के साथ संतुलित है. अभिनव राजस्थान इस ‘कल्पवृक्ष’ को लेकर बड़ी योजना बनाएगा. राजस्थान की समृद्धि को लेकर, मानवता के कल्याण को लेकर. मित्रों, खेजड़ी या Prosopis Cineraria वह अनूठा …
विस्तार से पढ़े»राजस्थान और भारत में जल प्रबंध की विचित्र कथा.
नागौर में पानी का प्रबंध कौन कौन कर रहा है ? नागौर ही क्या, राजस्थान में, भारत में. एक मजाक देखिये. यह भी कि सरकारें कैसे काम काम करती हैं. (share) एक विभाग है, जलदाय विभाग. दूसरा सिंचाई विभाग. तीसरा नहर विभाग. चौथा सिंचाई विभाग, पांचवा जलग्रहण विकास विभाग. छठा …
विस्तार से पढ़े»विश्व तीर्थ ‘खेजड़ली’
पहले ऐतिहासिक घटना संक्षेप में वर्ष १७३०. जोधपुर के शासक अभयसिंह को अपने महलों के विस्तार के काम के लिए चूना पकाना था. इसके लिए लकड़ी की आवश्यकता थी. अधिक मात्रा में लकड़ी, जोजरी नदी के किनारे खेजड़ली क्षेत्र में मिल सकती थी, क्योंकि प्रकृतिप्रेमी बिश्नोई हरे पेड़ों को नहीं …
विस्तार से पढ़े»सिसकती अरावली
मैं अरावली हूँ। भारत की सबसे पुरानी पर्वत शृंखला। मैं तो तब से हूँ, जब सागर की लहरें राजस्थान के पश्चिमी भाग तक आती थीं। तब यहाँ टैथिस सागर था। लेकिन अचानक जमीन ऊँची उठी, तो सागर मुझसे बिछुड़ गया। सागर की जगह रेगिस्तान पसर गया है। अब पानी की …
विस्तार से पढ़े»अभिनव प्रकृति
हमारे लक्ष्य 1. पाँच वर्षों में पाँच करोड़ पौधों का वास्तविक रोपण।2. प्रदेश की पहाड़ियों, नदियों, झीलों एवं तालाबों को 50 प्रतिशत तक मौलिक स्वरूप में लेकर आना। हमारे उद्देश्य 1 स्थाई एवं सुन्दर विकास का मार्ग प्रशस्त करना, प्राकृतिक संसाधनों के न्यायोचित उपयोग से। 2. उत्पादन की लागत …
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