अपने घर परिवार में ब्याह या अन्य कोई समारोह हो तो कार्ड उनको ही दें जो 1. आपके पहली-दूसरी पीढ़ी के नजदीकी रिश्तेदार हैं. (सौ मेहमान अधिकतम) 2. आपके मोहल्ले में रहते हैं. (सौ मेहमान अधिकतम ) 3. आपके ऐसे मित्र हैं, जो आपके दुःख दर्द में शरीक होते हैं, …
विस्तार से पढ़े»जब तक किसान अपने सामाजिक समारोहों को फिर से व्यवस्थित और सादा-कम खर्चीला नहीं करेगा
जब तक किसान अपने सामाजिक समारोहों को फिर से व्यवस्थित और सादा-कम खर्चीला नहीं करेगा, तब तक market में उसकी bargaining power कम रहेगी. तब तक उसे सही भाव नहीं मिल पायेगा, चाहे सरकार कुछ भी कर ले, चाहे किसान संगठन कुछ भी कर लें. रोग की जड़ को पकड़े …
विस्तार से पढ़े»अभिनव राजस्थान का अभिनव समाज कैसा होगा ? अभिनव विवाह !
(अभिनव राजस्थान का अभिनव समाज कैसा होगा ?) अभिनव विवाह ! हिन्दू विवाह की मूल परम्परा क्या है ? और समाज ने अज्ञानता में इसे क्या बना दिया है ? वैदिक जीवन व्यवस्था के अनुसार विवाह व्यक्ति के जीवन का 15 वां संस्कार हुआ करता है, जो अग्नि के समक्ष …
विस्तार से पढ़े»आप भी भ्रष्ट हैं अगर …………
आमतौर पर लोग अपनी सुविधानुसार अच्छे बुरे को परिभाषित कर लेते हैं. कुछ भी कर वे दूसरों को बुरा साबित करने में कामयाब होना चाहते हैं. समाज के प्रभावी वर्ग या व्यक्ति अपने प्रस्तुतीकरण के जादू से सच को झूठ और झूठ को सच कहलवा देते हैं. धारणा ही गलत …
विस्तार से पढ़े»मीडिया की देन – घर बन रहे कोठे
एक तरफ अन्ना हजारे का आंदोलन चल रहा था, तिरंगा लहरा रहा था, वंदे मातरम् गूँज रहा था। एक शानदार मार्केटिंग हो रही थी। सभी चैनल प्रतियोगिता कर रहे थे। वहीं बीच-बीच में विज्ञापन के नाम पर एक दूसरी मार्केटिंग हो रही थी। वही मार्केटिंग, जिसके लिए चैनल वालों ने …
विस्तार से पढ़े»अभिनव समाज
हमारे लक्ष्य 1. पाँच वर्षों में राजस्थान में पूँजी निर्माण को दस गुना बढ़ाना। 2. सामाजिक जिम्मेदारियों की चिंता कम कर आनंद का माहौल बनाना। हमारे उद्देश्य 1. राजस्थान में बचत को बढ़ाकर पूँजी निर्माण की गति बढ़ाना, सामाजिक परम्पराओं के नाम पर अनावश्यक खर्चों को कम करके। 2. …
विस्तार से पढ़े»शादियों पर फिजूलखर्ची – उत्सव बन गया अभिशाप
घर में शादी का जिक्र आते ही सारा परिवार कभी चहकने लगता था। बूढ़े-जवान-बच्चे, सभी शादी में अपने-अपने हिस्से की खुशी ढूंढ़ने लगते थे। छ: महीने पहले ही गेहूँ साफ होने लगते थे, दर्ज़ी दो महीने पहले घर बैठ जाता था। बहन-बुआ, महीने भर पहले पीहर बुला ली जाती थी। …
विस्तार से पढ़े»मृत्युभोज : एक वीभत्स कुरीति
यह लेख लिखते हुए शर्म महसूस हो रही है। कई बार ऐसा लगता है, अज्ञानता वरदान है। इग्रोरेन्स इज ब्लिस। लेकिन जाने अनजाने में कई चीज़ें ज्ञान के प्रकाश में आ जाती हैं और पीड़ा देती हैं। ऐसी ही एक पीड़ा देने वाली कुरीति है -मृत्युभोज। मानव विकास के रास्ते …
विस्तार से पढ़े»अभिनव समाज – विकास की ज़मीन
अभिनव राजस्थान के निर्माण के लिए हमने सात क्षेत्र महत्त्वपूर्ण माने हैं। इन्हें हमने विकास राग के सात सुर माने हैं, विकास के इंद्रधनुष के सात रंग माने हैं। ये हैं – समाज, शिक्षा, शासन, कृषि, उद्योग, प्रकृति और संस्कृति। इस अंक से हम क्रमश: एक-एक विषय पर चिंतन करेंगे। …
विस्तार से पढ़े»क्या कहती है ये शादी?
दुनिया भर में दो अरब लोग टेलीविजन सेट के सामने बैठे हों। ब्रिटेन में दस लाख से ज्यादा लोग रात से ही इंतजार कर रहे हों कि दूल्हा-दुल्हन की एक झलक देखने को मिलेगी। ब्रिटेन में एक दिन की छुट्टी घोषित कर दी जाती है। इस शादी का बकायदा अभ्यास …
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