15 अगस्त पर विशेष डॉ. अशोक चौधरी (94141-18995) एक और पन्द्रह अगस्त आ गया। बचपन से सुनते आये हैं कि इस दिन भारत देश को आजादी मिली थी। हमें यह बताया गया है कि गांधी और नेहरु ही इस आजादी के नायक थे। तब यह नहीं बताया गया था कि …
विस्तार से पढ़े»क्या ‘अभिनव राजस्थान’ कभी बन पायेगा ?
एक सामान्य भारतीय या राजस्थानी व्यक्ति कहेगा कि यह संभव ही नहीं है. कुछ नहीं बदल सकता, सब ऐसे ही चलेगा. वह मान ही नहीं सकता कि इस देश में, इस प्रदेश में कुछ अच्छा हो सकता है. रोज के अखबार भी उसकी इस धारणा को मजबूत करते रहते हैं. …
विस्तार से पढ़े»लोकपाल पर इतना हल्ला क्यों है भाई ?
‘थें थोडा सा गहराई में झांको, भेद खुल जासी’ पूरे देश में हल्ला मच रखा है. लोकपाल, लोकपाल. कहा जा रहा है कि लोकपाल आने पर देश में साठ प्रतिशत भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा. यह ताज़ा फोर्मूला लाया गया है. पुराने फोर्मूलों पर पुरस्कार मिल गए हैं, कई सेवानिवृत अधिकारियों …
विस्तार से पढ़े»सूचना का अधिकार, एक और बिन मांगा अधिकार
क्या आपने प्रयोग किया है? हमारे पाठकों से सीधा सा प्रश्न। उनसे इसलिए क्योंकि आपको ही जागरूक नागरिक कहा जाता है। प्रश्न यह कि क्या आपने कभी सूचना के अधिकार का प्रयोग किया है? किया है, तो बहुत अच्छी बात है। नहीं किया है, तो क्या आपकी इस …
विस्तार से पढ़े»जागो! सवेरा कब का हो चुका है
जश्न में जोश नहीं 15अगस्त और 26जनवरी के उत्सवों में अब आम जनता की रुचि लगभग समाप्त सी हो गयी है। अब यह उत्सव मनाने का ‘काम’ स्कूलों और फ़ौजियों-पुलिसवालों को सौंप दिया गया है। उनके लिए भी यह ‘उत्सव’ न होकर ‘काम’ हो गया है। शेष बचे कर्मचारियों …
विस्तार से पढ़े»धारणाएँ बदलें ताकि समाधान निकले
अभिनव राजस्थान में हम जन जागरण का मूल कार्य करेंगे। और जन जागरण के लिए हमें कई धारणाओं को तोड़ना होगा, या मोड़ना होगा। क्योंकि जब अगर हमारी किसी विषय पर धारणा ही गलत बन चुकी है, तो हम समस्या के समाधान तक नहीं पहुँचेंगे। आज लगभग प्रत्येक विषय …
विस्तार से पढ़े»मोबाइल की महामारी
क्या कारण है कि आज लोग पागलों की तरह मोबाइल लेकर घूम रहे हैं? जहाँ देखो, हाथ में मोबाइल थामे मर्द और औरतें खड़े हैं, बातें कर रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे जन्मों कि कोई प्यास थी जो अब बुझ रही है। वरन् इस बीमारी से कौन दो चार होना चाहेगा ? एक दशक के बाद वैज्ञानिक बताने लगे हैं कि दिन में 30 मिनट से ज्यादा बात करना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। कई सालों बाद गुटखे के बारे में पता चला था तब तक नई और पुरानी …
विस्तार से पढ़े»धारणाएँ बदलें ताकि समाधान निकले 2
रोचक राजस्थान के प्रत्येक अंक में धारणाओं पर मंथन का प्रयास हो रहा है। हमारे शोध में यह निष्कर्ष निकला है, कि गलत धारणाएँ अकसर समस्या समाधान में सबसे बड़ी बाधा बनकर उभरती है। इन धारणाओं की उत्पत्ति गलत व्याख्याओं से हो जाती है। फिर जब ये व्याख्याएँ निहित स्वार्थों …
विस्तार से पढ़े»राजस्थान का मनोविज्ञान
धरती के किसी भी कोने में निवास करने वाले व्यक्ति की मनोदशा पर कई प्रभाव पड़ते हैं। इतिहास, संस्कृति, भूगोल और सामाजिक परम्पराएं, हमारे मन पर गहरा असर डालती हैं और हमारा एक साझा व्यक्तित्व विकसित हो जाता है। भारत में अभी भी मनोविज्ञान पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया …
विस्तार से पढ़े»धारणाएँ बदलें, ताकि समाधान निकले 1
कहते हैं कि लोकतंत्र में तथ्यों से अधिक धारणाएँ महत्वपूर्ण हो जाती हैं। मानवीय स्वभाव गणित के नियमों से परे होता है। आसपास के वातावरण से कई बार हम इतने प्रभावित हो जाते हैं, जैसे खोपड़ी में बसा दिमाग केवल भावनाओं से चलने वाला चुम्बक मात्र है। ऐसे में धारणाओं …
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