जनजागरण का एक सफल प्रयोग ‘अभिनव राजस्थान अभियान’ में हमारा मुख्य नारा है- आपां नहीं तो कुण?आज नहीं तो कद ? इस बात को कई मंचों से दूसरे रूप में भी कहा- सुना जाता रहा है. कागजों पर लिखा-पढ़ा भी जाता है. वक्ता कहते हैं, लेखक लिखते हैं, कि जब …
विस्तार से पढ़े»‘अभिनव राजस्थान अभियान’ के तहत गांवों में होंगे सर्वे
राजस्थान के वास्तविक विकास को समर्पित ‘अभिनव राजस्थान अभियान’ 30 अक्टूबर को मेड़ता शहर में सैकड़ों प्रबुद्ध नागरिकों की उपस्थिति में प्रारंभ हुआ है. प्रदेश के उत्पादन को बढ़ाने के लिए आवश्यक जनहितेषी नीतियों एवं योजनाओं के निर्माण के लिए यह अभियान प्रदेश के सभी अंचलों में चलेगा. लेकिन किसी …
विस्तार से पढ़े»‘अभिनव राजस्थान अभियान’ का शुभारंभ
30 अक्तूबर 2011 (रविवार) की सुबह हमारे क़स्बे मेड़ता सिटी के लिए एक सुनहरा संकेत दे रही थी. जगह जगह ‘अभिनव राजस्थान’ के प्रतीक चिन्ह के बैनर लगे थे. इन्द्रधनुषी विकास के सात रंगों को दर्शाते बैनर को नागरिक बड़ी उत्सुकता और अचम्भे से देख रहे थे. पहले कभी इसके …
विस्तार से पढ़े»30.10.11 को अभिनव आरंभ
कार्यक्रम संयोजक डॉ. अशोक चौधरी तथा मुख्य वक्ता श्री गजादान चारण अध्यक्ष मंडल व अतिथिगण सहभागी मेड़ता क्षेत्र के चित्र पर क्लिक करने से पूरे आकार के चित्र देख सकते हैं।
विस्तार से पढ़े»25 दिसम्बर को शंखनाद से पहले 30 अक्टूबर का महत्त्वपूर्ण पड़ाव
शंकाओं का समाधान रणनीति पर चर्चा पाठक मित्रों, इस बार के अंक में अभिनव राजस्थान की सम्पूर्ण योजना आपके समक्ष प्रस्तुत है। हमारे 10 हजार पाठकों को अपने सपने के राजस्थान की समग्र जानकारी देने का प्रयास है। कई पाठक नये जुड़े हैं, उनको भी नये राजस्थान के बारे में …
विस्तार से पढ़े»मीडिया की देन – घर बन रहे कोठे
एक तरफ अन्ना हजारे का आंदोलन चल रहा था, तिरंगा लहरा रहा था, वंदे मातरम् गूँज रहा था। एक शानदार मार्केटिंग हो रही थी। सभी चैनल प्रतियोगिता कर रहे थे। वहीं बीच-बीच में विज्ञापन के नाम पर एक दूसरी मार्केटिंग हो रही थी। वही मार्केटिंग, जिसके लिए चैनल वालों ने …
विस्तार से पढ़े»सिसकती अरावली
मैं अरावली हूँ। भारत की सबसे पुरानी पर्वत शृंखला। मैं तो तब से हूँ, जब सागर की लहरें राजस्थान के पश्चिमी भाग तक आती थीं। तब यहाँ टैथिस सागर था। लेकिन अचानक जमीन ऊँची उठी, तो सागर मुझसे बिछुड़ गया। सागर की जगह रेगिस्तान पसर गया है। अब पानी की …
विस्तार से पढ़े»अलवर जिला
अरावली की पहाड़ियों की गोद में बसा अलवर जिला भारत के इतिहास के कई सुनहरे पन्नों का साक्षी रहा है। जब भारत में १६ महाजनपद थे, तब उनमें से एक महाजनपद था,मत्स्य जनपद, जिसकी राजधानी बैराठ(जयपुर) थी। वर्तमान अलवर जिले का संपूर्ण क्षेत्र इस महाजनपद में शामिल था। अन्य क्षेत्रों …
विस्तार से पढ़े»खेती को लाभकारी कैसे बनायें
मित्रों, भारत में खेती को लाभकारी बनाने के लिए मेरे अनुसार निम्न बातों पर विचार किया जाना चाहिए. हमें एक साधारण विषय को उलझन से बाहर निकालना चाहिए. एक किसान अपने परिवार के साथ आराम से जीवन यापन कर सके, यही विषय है. निराशात्मक बातों से माहौल को खराब …
विस्तार से पढ़े»राजनैतिक पर्यटन – राजस्थान के परदेशी जन प्रतिनिधि
‘पधारो म्हारे देश’ हमारे अतिथियों, चुनाव लड़ने के लिए राजस्थान आओ। आतिथ्य या गुलामी ? हम सदा सुनते और कहते आये हैं कि हमारा प्यारा प्रदेश राजस्थान अपने ‘आतिथ्य’ के लिए विश्व भर में जाना जाता है। इसी ‘आतिथ्य’ की दुहाई देकर हम पर्यटकों को राजस्थान आने का न्योता …
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